चौसा शमशान घाट स्थित गंगा ने एक बार शव बहते देखा गया। शव को कौवे नोच रहे थे। यह स्थिति एक बार फिर चर्चा में आ गई|
पिछले साल गंगा नदी से भारी संख्या में बहते दिखा मानव शव रहा सुर्खियों में
बता दें कि विगत वर्ष कोविड काल मे चौसा स्थित महर्षि च्यवन स्थित श्मशान घाट के बीच गंगा नदी से भारी संख्या में बहते दिखा मानव शव सुर्खियों में रहा। जहा चौसा का मामला राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पटल पर खूब चर्चित रहा। हालांकि, उस दौरान मिले शव को जिला प्रशासन व स्थानीय प्रशासन द्वारा बहते सैकड़ों शव को निकाल कर मिट्टी खोद गढ्ढे में दबाया गया। वही सरकारी मुलाजिमों की देख-रेख की व्यवस्था के तहत शव का दाह संस्कार की व्यवस्था करायी गई,और शव को गंगा में प्रवाहित करने पर रोक लगी थी।
वही चौसा मोक्ष स्थली की विधि व्यवस्था, शवदाह गृह निर्माण व विद्युतीय व्यवस्था व स्थल तक जाने की मार्ग निर्माण किये जाने प्रशासनिक पहल शुरू की गई। लेकिन, मामला ठंडा पड़ते ही सारी व्यवस्था ठंडा पड़ गया। जहा आदेश पर विदुत विभाग पोल व केबल बिछा कार्य को इतिश्री कर लिया गया। इधर फिर से शव मिलने का मामला ताजा हुई तो सारी समस्या फिर से उबाल पर आ गई।
ठंड के मौसम में मौत में वृद्धि
खबर है कि ठंड के मौसम में मौत में वृद्धि हो गई है। जहां पहले एक दो की संख्या में लाशें अंतिम संस्कार को आती थी, आज इजाफा होने से संख्या आने की आठ से दस हो गई है। वही देर शाम अंधेरा होते ही मोक्ष स्थल के पास किसी के न होने से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र से शव लेकर आने वाले लोग गंगा में शव फेंक भाग जा रहे है। उक्त आशय की जानकारी वही कार्य करने वाले महापंडित ने बताई।
उन्होंने बताया कि प्रशासन कोविड काल में मिले शव के समय बहुत सारी व्यवस्था की बात बताई गई थी। लेकिन, अभी तक विधुतीय पोल व तार के अलावा कुछ नही किया गया है। जबकि, यहा उजाले के लिए लाइट की व्यवस्था की जानी थी। वही उस दौरान। आने वाले शव का रजिस्टर मेंटेन किया जाता था। लेकिन सब खत्म हो गया। व्यवस्था को लेकर स्थानीय प्रशासन को कहा जाता तो किसी का ध्यान नही होता। इधर विधि व्यवस्था न रहने के चलते प्रतिदिन शव फेंके जाने शुरू हो गए है।
अनुमंडल पदाधिकारी ने क्या कहा ?
इधर, इस मामले में अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि वह तुरंत ही एसडीपीओ से बात करते हुए स्थिति का अवलोकन करा रहे हैं, और जल्द ही उचित कार्रवाई की जाएगी। यदि बिजली आदि की व्यवस्था ठीक नहीं है, तो वह भी जल्द ही दुरुस्त कराई जाएगी।