बरठी गांव की दलित बस्ती के पास रेलवे स्टेशन-नईबाज़र सड़क मार्ग पर गुरुवार को ट्रैक्टर (बोगा गाड़ी) की चपेट में आने से एक मजदूर (50) की मौत हो गई।
● मृतक परिजनों को 5 लाख आर्थिक मदद और एक आवास देने की हुई घोषणा, तब शव को पुलिस को किए सुपुर्द
चन्दौली, सकलडीहा। स्थानीय सकलडीहा कोतवाली के बरठी गांव की दलित बस्ती के पास रेलवे स्टेशन -नईबाज़र सड़क मार्ग पर गुरुवार को ट्रैक्टर (बोगा गाड़ी) की चपेट में आने से एक मजदूर (50) की मौत हो गई। घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क जाम कर आर्थिक मुआवजा की मांग करने लगे।
खबर पाकर मौके पर पहुंचे एसडीएम सकलडीहा, सीओ व कोतवाली प्रभारी आक्रोशित भीड़ को समझाया। एसडीएम सकलडीहा ने मृतक परिजनों को 5 लाख आर्थिक मदद और एक आवास देने की घोषणा की, तब जाकर ग्रामीणों ने शव को पुलिस को सुपुर्द किया।
मौके पर मौजूद तहसील अधिकारी, फोटो-PNP |
बताया जाता है कि आज दोपहर बाद ट्रैक्टर बोगा सकलडीहा रेलवे स्टेशन की ओर से बालू उतार कर नई बाजार की ओर जा रहा था तभी गांव के पास सड़क पर एक मजदूर को कुचल दिया। जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। जबकि ड्राइवर ट्रैक्टर लेकर भागने में सफल रहा। घटना की खबर लगते ही लोगों की काफी भीड़ जुट गई और सड़क जाम लगा दिए। मृतक लाल बिहारी राम (50 वर्ष) पुत्र बिपतु राम बरठी गांव की दलित बस्ती का रहने वाला है।
वह मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करता था, उसका 25 वर्षीय बेटा भगवती प्रसाद है और उसकी दो बेटियां हैं जिनकी शादी हो गई है। जानकारों ने बताया जाता है कि मृतक लाल बिहारी नरैना की तरफ पैदल आ रहे थे और ट्रैक्टर बोगा सकलडीहा रेलवे स्टेशन की तरफ से जा रहा था। ट्रैक्टर की रफ्तार इतनी तेज थी कि लाल बिहारी को रौंदते हुए निकल गया। जब तक लोग बिहारी को उठाकर अस्पताल ले जाते कि मौके पर ही उसकी जान चली गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि ट्रैक्टर ड्राइवर की लापरवाही की वजह से मजदूर की मौत हुई है।
पुलिस की खुली छूट से ट्रैक्टर बोगा गाड़ियों का अवैध संचालन !
इस घटना के बाद एक बार फिर बोगा ट्रैक्टर गाड़ियों का संचालन चर्चाओं में आ गया है। ख़बर है कि पुलिस की मिलीभगत से इन सड़कों पर बोगा ट्रैक्टर दौड़ रहे हैं। जिससे लोंगों की जान जा रही है। लोगों का कहना है कि सड़क पर दौड़ रहे बोगा ट्रैक्टर की वजह से हर रोज लोग चोटिल हो जाते हैं। जहां कोई साइकिल सवार बोगा गाड़ियों की बेहिसाब रफ्तार से सड़क के गड्ढे में चला जाता है तो कोई रिक्शा चालक और पैदल चलने वाला व्यक्ति गिरकर घायल हो जाता है। बावजूद पुलिस इन बोगा गाड़ियों के संचालन और उनकी रफ्तार पर अंकुश नहीं लगा पा रही है।
बताते हैं कि इन गाड़ियों के कोई व्यावसायिक लाइसेंस नहीं होने के बाद भी इनके अवैध संचालन पर रोक नहीं लग पता है। बहुत पहले यहां एक ऐसे तत्कालीन सीओ त्रिपुरारी पांडेय थे जिसने उन पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। उनके जाने के बाद ये फिर से सड़कों पर दौड़ने लगे। वहीं इन गाड़ियों के बेहिसाब दौड़ने के पीछे सफेदपोश नेताओं का भी हाथ होना चर्चाओं में रहता है। कहा जाता है कि इस वजह से पुलिस लाचार दिखती है।