राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का मरम्मत कार्य हो गया, लेकिन कर्मचारियों के लिए बने आवास जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है। जिसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है|
जर्जर आवासों की कौन लेगा सुधि, फोटो-PNP |
चन्दौली, सकलडीहा। विकास खंड के राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का मरम्मत कार्य तो हो गया , लेकिन कर्मचारियों के लिए बने आवास जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है। जिसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है|
क्षेत्र के लगभग एक दर्जन गांव के मरीजों का इलाज करने के उद्देश्य से बने राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय सदलपुरा पिछले दो दशक से मरम्मत की बाट जो हो रहा था।
जिसका मरम्मत पिछले महीनों हो गया। जबकि कर्मचारियों के लिए बना आवास खंडहर के रूप में तब्दील हो चुका है। इसमें आवारा पशुओं के साथ ही ग्रामीणों ने गोबर रखने से लेकर पशु बांधने तक का कार्य कर रहे हैं।
जिससे यह कर्मचारियों का आवास नहीं बल्कि पशुओं का आवास बन चुका है। इसको लेकर कई बार समाचार पत्रों के माध्यम से विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया गया। लेकिन अभी तक स्थिति जस की तस बनी हुई है । इसको लेकर गांव के अनिल कुमार, सुरेंद्र गुप्ता, बुद्धू ,रवि गुप्ता सहित तमाम लोगों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया है।