आरएलडी चीफ जयंत चौधरी भी इसी तारीख को अपने नए चुने गए विधायकों की बैठक अलग से करने जा रहे हैं | अभी ये भी तय नहीं है कि जयंत चौधरी-अखिलेश के बीच मुलाकात होगी या बैठक के बाद लौट जाएंगे|
फाइल फोटो-PNP |
लखनऊ। सपा और आरएलडी यानी राष्ट्रीय लोकदल ने मिलकर यूपी का चुनाव लड़ा था । इन दोनों पार्टियों को उम्मीद थी कि इस बार सरकार बना लेंगे, लेकिन बीजेपी ने बाजी मार ली |
अब एक तरफ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर सहयोगी दल व उनके पार्टी के हारे नेता सवाल खड़े कर रहे हैं। वहीं, आरएलडी से भी उनका टकराव सामने आने की नौबत बनती दिख रही है। इसका संकेत 21 मार्च की तारीख दे रही है। इस तारीख को सपा ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई है।
आरएलडी चीफ जयंत चौधरी भी इसी तारीख को अपने नए चुने गए विधायकों की भी बैठक अलग से करने जा रहे हैं। अभी ये भी तय नहीं है कि जयंत चौधरी अखिलेश के बीच मुलाकात होगी या बैठक के बाद लौट जाएंगे। यूपी चुनाव हार के बाद इस तरह के कई सवाल खड़े होते नजर आ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इनके बीच दूरी बढ़ सकती है।
राष्ट्रीय लोकदल ने सभी फ्रंटल संगठन को किया भंग
खबर है कि राष्ट्रीय लोकदल ने अपने सभी फ्रंटल संगठन को भंग कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि सपा और आरएलडी के बीच दूरी बढ़ सकती है। यूपी के चुनाव में हार के बाद सियासी पार्टियों में खलबली मची हुई है। यही वजह है कि RLD ने अपने सभी फ्रंटल संगठन को भंग कर दिया है और ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है।
साथ ही 21 मार्च को पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों को लखनऊ में RLD के प्रदेश कार्यालय पर बुलाया है। जहां.पर नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक का आयोजन किया गया है, तो वहीं समाजवादी पार्टी ने भी 21 मार्च को ही अपने सभी विधायकों को लखनऊ बुलाया है। अब इस बैठक में हार पर चिंतन होगा या फिर भविष्य की रणनीति पर मंथन किया जाएगा ये तो पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ही तय करेगा।