वामदलों ने कहा कि भाजपा द्वारा देश को फिर से गुलाम बनाने की साजिश के खिलाफ लड़कर ही शहीदे आजम भगत सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है |
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श्रद्धांजलि सभा में वामदल के जुटे कार्यकर्तागण, फोटो-pnp |
चन्दौली-चकिया,। वाम दलों ने कहा कि भाजपा द्वारा देश को फिर से गुलाम बनाने की साजिश के खिलाफ लड़कर ही शहीदे आजम भगत सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है|
उक्त बातें शहीदे आजम भगत सिंह पार्क गांधीनगर में आयोजित कार्यक्रम में शहीदे आजम भगत सिंह और उनके साथियों को नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद वामदलों ने कही।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि शहीद भगत सिंह ने जन विरोधी ट्रेड डिस्प्यूट एक्ट एंव पब्लिक सेफ्टी बिल के खिलाफ असेंबली में बम फेंक कर विरोध जताया था। आज हमारे देश की सरकारें ऐसे ही तमाम जनविरोधी कानून संसद में बना रही हैं। ये जन विरोधी कानून बहुसंख्यक आम जनता के हितों के विरूद्ध हैं और चंद बड़े पूंजी घरानों और बहुराष्ट्रीय वित्त निगमों के हितों को साधने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि देश की संसद में कर्मचारी एंव शिक्षक विरोधी पीएफआरडीए कानून जैसी कई काले कानून बना चुकी है जो उनकी भविष्य निधि और पेंशन फंड को निजी हाथों में सौंपने जैसी है।
इसी प्रकार व्यापारी विरोधी रिटेल में 100 प्रतिशत एफडीआई ला चुकी है, जो भविष्य में देश के व्यापारियों को बर्बाद करने का दस्तावेज है। इसी तरह से विदेशी चंदा कानून में संशोधन कर विदेशी कंपनियों से चंदा लेने का रास्ता साफ कर दिया गया है, जो कि भविष्य में देश के हितों पर बहुत बुरी चोट करेगा इसी प्रकार कई काले कानून को कैबिनेट पास कर चुकी है और मोदी सरकार ने किसान विरोधी काले कानून को भी पास कर दिया था।
कई कानून आम जनता द्वारा बचाई गई पूंजी को भी लूटने का दस्तावेज बना हुआ है श्रम कानूनों में बदलाव का मसौदा तैयार है और कुछ बदलाव भी हो चुके हैं जो कि किसान और मजदूरों के हितों के खिलाफ हैं। यह युवा हताश और निराश है क्योंकि उसे रोजगार के अवसर नहीं मिल रहे हैं जो युवा सरकारी नौकरियों की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए बुरी खबर है कि लाखों खाली पद समाप्त कर दिये गये हैं । देश के करोडों संविदा और निविदा कर्मचारियों के श्रम का शोषण हो रहा है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मिनिमम वेतन चौबीस हजार तय किया जा चुका है लेकिन उसे लागू नहीं किया जा रहा है।
वक्ताओं ने आगे कहा कि भगत सिंह और उनके साथियों ने ऐसे शोषण पर आधारित देश की आजादी का सपना तो नहीं देखा था। आज आम जनता को इन जनविरोधी और पूंजीपरस्त नीतियों के खिलाफ गोलबंद होने की जरूरत है और ऐसी जन विरोधी व्यवस्था एंव नीतियों को पलटने के लिये कमर कसने की जरूरत है , यही भगत सिंह और उनके साथियों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। आज विदेशी पूंजी निवेशकों के हस्तक्षेप के खिलाफ चौतरफा पहल पर जोर देने का समय है।
शहीदे आजम भगत सिंह शहादत दिवस सभा की अध्यक्षता राम अलम सिंह व संचालन लालजी सिंह ने किया। सभा को डाक्टर गीता शुक्ला, आई पी एफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय, अखिल भारतीय किसान सभा जिला अध्यक्ष परमानन्द कुशवाहा, माले जिला सचिव अनिल पासवान, माकपा सचिव शम्भू नाथ यादव, आईपीएफ जिला संयोजक अखिलेश दूबे, रमायन राम, नंदलाल, भृगनाथ विश्वकर्मा ,रामबरन निषाद, विदेशी वनवासी, मुसे मोहम्मद जानी, जयनाथ, ने सम्बोधित किया।