नई दिल्ली से वाराणसी की दूरी भले ही तकरीबन 800 किलोमीटर हो मगर आने वाले वर्षों में इस डिस्टेंस को तय करने में 4 घंटे से भी कम की रह जाएगी | वाराणसी से दिल्ली के लिये हर 22 मिनट पर बुलेट ट्रेन उपलब्ध होगी |
वाराणसी/लखनऊ । नई दिल्ली से वाराणसी की दूरी भले ही तकरीबन 800 किलोमीटर हो मगर आने वाले वर्षों में इस डिस्टेंस को तय करने में लगने वाली देरी 4 घंटे से भी कम की रह जाएगी। यही नहीं वाराणसी से दिल्ली के लिये हर 22 मिनट पर बुलेट ट्रेन उपलब्ध होगी। कुल 813 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर यूपी में 12 और दिल्ली में 1 रेलवे स्टेशन होगा। इस ट्रेन को 2029 में जनता को समर्पित करने का लक्ष्य केंद्र सरकार ने रखा है। सात कॉरीडोर और बनाएगी।
सरकार बीते 11 फरवरी को, राज्यसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, रेल मंत्रालय ने दिल्ली वाराणसी हाई स्पीड रेल (DVHSR) सहित सात और गलियारों के लिए एक सर्वेक्षण करने और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की योजना की घोषणा की थी। परियोजना की लागत 2.3 लाख करोड़ रुपये वहीं अब सरकारी अधिकारियों के अनुसार, 813 किलोमीटर के ट्रैक पर उत्तर प्रदेश में 12 एलिवेटेड और दिल्ली में एक अंडरग्राउंड सहित 13 स्टेशन होंगे, जिस पर ट्रेन 330 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। सीमित पड़ावों के साथ राष्ट्रीय राजधानी से वाराणसी पहुंचने में कम से कम 3 घंटे 33 मिनट का समय लगेगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अंडरग्राउंड स्टेशन के लिए करीब 15 किलोमीटर लंबी टनल बनाई जाएगी। कुल परियोजना लागत लगभग 2.3 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। 3 घंटे 33 मिनट में दिल्ली से बनारस बताया गया है कि सीमित पड़ावों के साथ राष्ट्रीय राजधानी से वाराणसी पहुंचने में कम से कम 3 घंटे 33 मिनट का समय लगेगा। अंडरग्राउंड स्टेशन के लिए करीब 15 किमी लंबी टनल बनाई जाएगी। यही नहीं DVHSR का मार्ग संरक्षित वनों और वन्य जीवन को बचने के लिए भी उपयुक्त होगा। बुलेट ट्रेन का लखनऊ में अवध क्रॉसिंग पर स्टेशन होने की संभावना है। एक अधिकारी ने कहा, "प्रति दिन कुल 43 ट्रेनें हर 22 मिनट में अवध क्रॉसिंग स्टेशन पहुंचेंगी।"
ये होंगे स्टेशन
हजरत निजामुद्दीन से शुरू होकर यह ट्रेन नोएडा सेक्टर 146 मेट्रो स्टेशन, जेवर एयरपोर्ट, मथुरा, आगरा, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, रायबरेली, प्रतापगढ़, प्रयागराज, भदोही पर रुकेगी और बनारस (मंडुआडीह) में समाप्त होगी।लखनऊ में फुट ओवर ब्रिज, दिल्ली में अंडरग्राउंड स्टेशन
एक फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) अवध क्रॉसिंग पर स्टेशन को सिंगर नगर मेट्रो स्टेशन से जोड़ेगा ताकि यात्री शहर में अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। साथ ही दिल्ली में, DVHSR भूमिगत स्टेशन हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के सामने होगा, जबकि नोएडा में, यह सेक्टर 146 मेट्रो स्टेशन के सामने होगा। जेवर में, DVHSR स्टेशन जेवर हवाई अड्डे के परिवहन नेटवर्क का हिस्सा होगा।2021 में शुरू हुआ था सर्वे
दिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल (DVHSR) कॉरिडोर के लिए लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग सर्वे जनवरी 2021 में ग्रेटर नोएडा से शुरू हुआ था। डीवीएचएसआर कॉरिडोर की प्रस्तावित योजना दिल्ली को मथुरा, आगरा, इटावा, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही, वाराणसी और अयोध्या जैसे प्रमुख शहरों से जोड़ेगी। 2020 में बना था DVHSR का DPR दिल्ली से वाराणसी (लगभग 800 किमी) तक का मुख्य कॉरिडोर भी अयोध्या से जोड़ा जाएगा। हाई-स्पीड रेल (HSR) मार्ग उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को भी जोड़ेगा। गौरतलब है कि दिल्ली वाराणसी हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) 29 अक्टूबर, 2020 को रेल मंत्रालय को प्रस्तुत की गई थी।
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