बिहार के प्रथम संत शिरोमणि रविदास धाम ग्राम कुडारी में सुबह से लेकर शाम पूरी रात शानो शौकत एवं भाईचारे के साथ धूमधाम से प्रति वर्ष की भांति श्री गुरु संत शिरोमणि रविदास जी का 645 वीं जयंती धूमधाम से मनाया गया |
श्रद्धांजलि अर्पित कर हुए अतिथिगण, फोटो-pnp |
दुर्गावती (कैमूर)। यूपी बिहार बॉर्डर से सटे बिहार के प्रथम संत शिरोमणि रविदास धाम ग्राम कुडारी में शुक्रवार के दिन सुबह से लेकर शाम पूरी रात शानो शौकत एवं भाईचारे के साथ धूमधाम से प्रति वर्ष की भांति श्री गुरु संत शिरोमणि रविदास जी का 645 वा जयंती धूमधाम से मनाया गया। जहां पर हजारों हजार की तादाद में पहुंचे श्रद्धालु श्री गुरु संत शिरोमणि रविदास जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पूजा अर्चना किया।
संत शिरोमणि रविदास जी के मेले में 24 घंटे लंगर भंडारा के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम चलता रहा और क्षेत्रीय श्रद्धालु एवं जनता गण मेले का लुफ्त उठाते नजर आए। मेले में खास बात तो यह था कि महिलाओं के लिए अलग से आकर्षक पंडाल लगाया गया था जहां पर छोटे से लेकर बड़े पैमाने पर चरखा और निशुल्क चिकित्सा दवा देने वाले डाक्टर का भी पंडाल लगाया गया था, जहां मुफ्त में दवा के लिए लम्बी लाईन लगी रही।
समारोह के अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन सह प्रभारी उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल झारखंड तथा महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश और बिहार प्रदेश अध्यक्ष अतिथि जनार्दन रविदास मुख्य अतिथि के बतौर उपस्थित रहे। मेले का उद्घाटन कर्ता संत बिरेंद्र दास रविदास धाम मशोई ने किया। मुख्य वक्ता पीके आजाद बिहार प्रदेश प्रभारी बसपा एवं शंकर कैमुरी आकाशवाणी पटना व डॉक्टर निबूलाल प्रसाद बिहार प्रदेश महासचिव रात्रि सांस्कृतिक कार्यक्रम मे मिशन कलाकार महेंद्र गुरु जी ओमप्रकाश दीवाना राष्ट्रीय लोक गीत कलाकार एवं मिशन गायक शिवचरण दीवाना आदि मौजूद रहे।उक्त समारोह की अध्यक्षता डॉक्टर पटवारी लाल कार्यकारिणी बिहार प्रदेश सचिव और सरोज कुमार जिला महासचिव मठाधीश शिव कुमार दास महेंद्र दास पुजारी ने संचालन किय।
सभा को संबोधित कर रहे संत बिरेंद्र दास ने कहा कि अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन गैर राजनीतिक आध्यात्मिक एवं विरुद्ध रूप से मानवतावादी व्यवस्था पर आधारित धर्म संगठन है या धर्म संगठन बहुजन समाज में जन्मे संतों गुरुओं महापुरुषों खासकर संत शिरोमणि गुरु रविदास जी के अमृत वाणी एवं उनके मानवतावादी विचारधारा पर आधारित है या धर्म संगठन किसी भी धर्म का विरोध धर्म संगठन नहीं करता है, बल्कि सभी धर्मों का सम्मान करना इस धर्म संगठन का उद्देश्य है परंतु आडंबर वाद पाखंड वाद विवाद व्यवस्था से मानव मुक्त पर मुख्यधारा से जोड़ना इसका उद्देश्य है और कहा कि यह राज्य स्तर पर ही नहीं हर गांव स्तर पर संगठन को मजबूत किया जाएगा।