बिहार विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बाल युवा संसद कार्यक्रम में "आज के परिवेश में लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व को बखूबी समझाया"|
बक्सर। बिहार विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा यहां पहुँचते ही सर्वप्रथम नाथ बाबा मंदिर, नौलखा मंदिर एवं मामाजी का आश्रम में पूजा-अर्चन किया गया। तत्पश्चात नगर भवन में बाल युवा संसद कार्यक्रम में भाग लिया। राष्ट्रगान एवं द्वीप प्रज्जवलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ .
अपने संबोधन में सभी बच्चों को लोकतांत्रिक मूल्यों के संबंध में बताया और आज के परिवेश में लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व को समझाया। अध्यक्ष ने प्रश्नकाल, शून्यकाल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के संबंध में सभा में उपस्थित बच्चों को बताया। प्रश्नकाल में लोकहित के प्रश्न पूछे जाते हैं, जिस के संबंध में सरकार अपना पक्ष रखती है।
बच्चों से उनके मन की बातें सुनी
अध्यक्ष ने बच्चों से उनके मन की बातें सुनी। बच्चों ने शिक्षा, स्वच्छता, जिला के विकास, नशा मुक्ति, दहेज प्रथा, बाल विवाह जैसे ज्वलंत मुद्दों पर अपनी बात रखी। बक्सर जिला अंतर्गत चारों विधानसभा क्षेत्र से दो दो बच्चों से क्षेत्र के समस्या के बारे में सुना एवं उन्हीं बच्चों से उस समस्या के समाधान के लिए क्या होना चाहिए उसका प्रति उत्तर लिया।
पांच अभिशाप,पांच सामाजिक वरदान पांच सामाजिक सम्मान का सबको दिलाया संकल्प
बिहार विधान सभा अध्यक्ष ने सामाजिक नैतिक संकल्प अभियान के तहत पांच अभिशाप (नशा मुक्त, अपराध मुक्त, बाल श्रम मुक्त, बाल विवाह मुक्त, दहेज मुक्त), पांच सामाजिक वरदान (स्वच्छता युक्त, योग आयुर्वेद युक्त, जल संचय युक्त, प्रकृति युक्त, विरासत युक्त) एवं पांच सामाजिक सम्मान (डिजिटल साक्षर, स्वरोजगार प्रेरक, रोजगार सृजनकर्ता, सामाजिक योद्धा एवं सेवा समर्पणदाता) के संबंध में वहाँ उपस्थित सभी लोगों को बताया एवं संकल्प दिलाया कि मैं यह संकल्प लेता/लेती हूँ कि हमारा परिवार पाँच सामाजिक अभिशापों से मुक्त (नशा मुक्त, अपराध मुक्त, बाल श्रम मुक्त, बाल विवाह मुक्त, दहेज मुक्त), पाँच सामाजिक वरदानों से युक्त (स्वच्छता युक्त, योग आयुर्वेद युक्त, जल संचय युक्त, प्रकृति युक्त, विरासत युक्त) एवं पाँच सामाजिक सम्मानों से पूर्ण (डिजिटल साक्षर, स्वरोजगार प्रेरक, रोजगार सृजनकर्ता, सामाजिक योद्धा एवं सेवा समर्पणदाता) होगा तथा मैं और मेरा परिवार समाज के नवनिर्माण हेतु इस संकल्प के प्रति हमेशा समर्पित रहेगा।
विधान सभा अध्यक्ष ने संवैधानिक अधिकार एवं कर्तव्य पर की चर्चा
विधान सभा अध्यक्ष ने संवैधानिक अधिकार एवं कर्तव्य के विषय में सभी को अवगत कराया। कहा कि हम सभी को संवैधानिक अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों का बोध रहना चाहिए और अगले 25 साल तक अपने नैतिक कर्तव्यों का निर्वहन पूरी ईमानदारी के साथ करना होगा। जिससे हम स्वामी विवेकानंद के 21वीं सदी के भारत को विश्व गुरु बनने की संकल्पना को परिपूर्ण कर सके।
हमारे देश की आबादी अधिकतर युवा है और हम सभी युवा को अपने देश को महान बनाने के लिए पूरी ईमानदारी से प्रयास करना होगा। सामाजिक नैतिक संकल्प अभियान से संबंधित लघु फिल्म का प्रसारण किया गया। साथ ही सामाजिक नैतिक संकल्प अभियान से संबंधित उल्लेखनीय योगदान करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। राष्ट्रगीत के साथ सभा समाप्ति की गई एवं सभा समाप्ति के बाद अध्यक्ष ने ऐतिहासिक चौसा मैदान का भ्रमण किया गया। चौसा के मैदान का अवलोकन किया और वहाँ के ऐतिहासिक धरोहर के संबंध में जानकारी प्राप्त की।
सभा में सदस्य विधान सभा राजपुर, सदस्य विधान सभा डुमरांव, सदस्य विधान सभा बक्सर, पूर्व सदस्य श्रीकांत पाठक, जिला पदाधिकारी बक्सर, पुलिस अधीक्षकबक्सर, उप विकास आयुक्त बक्सर, अपर समाहर्ताबक्सर, अपर समाहर्ता लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बक्सर, जिला परिवहन पदाधिकारी बक्सर, जिला स्तरीय पदाधिकारी गण, सम्मानित जनप्रतिनिधि, विभिन्न स्कूलों से आए हुए बच्चे एवं मीडिया बंधु उपस्थित थे।
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चौसा (बक्सर) । चौसा के ऐतिहासिक व पौराणिक स्थल का जायजा व इतिहास से रूबरू होने मंगलवार को बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ऐतिहासिक गढ़ चौसा पहुंच गए। यहां की खूबसूरती नजारा को देखते ही उनके मुंह से बरबस निकल पड़ा वाह ! चौसा। यहां निर्माण किये गए फूलों का पार्क, स्तूप, ट्री सेल्फी प्वाइंट तथा खुदाई में मिले मूर्तियों का बखूबी अवलोकन किया। उन्होंने कहा चौसा का बेहद खूबसूरत नजारा है, जो आकर्षक का केंद्र है। इसे सहजेना हम सबकी जिम्मेदारी बनती है।
बक्सर। बिहार विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा (Bihar Assembly Speaker Vijay Kumar Sinha) 19 अप्रैल 2022 को जिलें में पधार रहे हैं, वे यहां आयोजित कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
● भाजपा के किस बड़े लीडर ने कहा,- जिनमें पराक्रम होता है, वे परिक्रमा नहीं करते !
लखनऊ। भाजपा के बड़े लीडरपूर्व उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि पिता की डॉंट का सम्मान करने वाला पुत्र , गुरू की डॉंट का सम्मान करने वाला शिष्य और सुनार की पिटाई का सम्मान करने वाला स्वर्ण आभूषण बन कर निकलता है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों में पराक्रम होता है वे परिक्रमा नहीं करते हैं। उन्हें इस बात की भी चिन्ता नहीं होती है कि वे गन्तव्य तक पहुचेंगे कि नहीं पहुचेंगे। व्यक्ति अगर ईमानदारी से प्रण कर ले तो फिर हर चीज संभव हो जाती है। डा शर्मा ने कहा कि जो लोग कम गुणी होते हैं वे दिखावा करते है पर गुणी लोग हैसियत का दिखावा नहीं करते हैं। Click here 👉detail news