योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अब सुशासन की नयी परिभाषा गढ़ी जाने लगी है। सरकार में शामिल मंत्रियों को हमेशा अपने साथ लैपटॉप लेकर चलना पड़ेगा। हर दिन आकड़ों के हिसाब से काम को दिखाना पड़ेगा |
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अब सुशासन की नयी परिभाषा गढ़ी जाने लगी है। सरकार में शामिल मंत्रियों को हमेशा अपने साथ लैपटॉप लेकर चलना पड़ेगा। हर दिन आकड़ों के हिसाब से काम को दिखाना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों को मिलाकर इन्हें 10 सेक्टर में बांट रखा है। विभागों को पांच साल की नहीं बल्कि 100 दिन की कार्ययोजना बनानी पड़ेगी। इसमें रोजगार सृजन और तकनीक का बेहतर इस्तेमाल करते नवोन्वेषी कायम करने होंगे। 100 दिन की कार्ययोजना की बुधवार से शुरुआत हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष मंत्रियों को अपने विभागों की कार्ययोजना पेश करनी पड़ी। नौकरशाह दूर बैठकर सिर्फ प्रजेंटेंशन देखते रहेंगें ।
वहीं सूत्रों का दावा है कि इस बार योगी आदित्यनाथ अधिकारियों की कार्यशैली से खासे नाराज हैं, यही कारण है कि अब वो सीधे अधिकारियों के बजाए मंत्रियों को सामने रख रहे हैं। जिससे किसी भी रूप में गलती होने पर सीधी कार्रवाई राज्य मुख्यालय से लेकर जिला अधिकारियों करने के साथ ज़िम्मेदारी भी तय होगी।
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