बुलडोजर केवल अल्पसंख्यकों, दलितों, कमजोर तबका पर ही चलता है, सरकार में कई जगह पुलिस द्वारा हत्या - बलात्कार की घटनाएं होती हैं तो थम जाती है |
● बिसरा जांच रिपोर्ट आने की इंतजार में दोषी पुलिस को गिरफ्तारी से अभी बचाने की हो रही कोशिश !
● आईपीएफ ने हत्याकांड में लिप्त पर 302 का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने की उठायी मांग
चन्दौली| योगी सरकार का तुरंत न्याय देने की बुलडोजर केवल अल्पसंख्यकों, दलितों, कमजोर तबका पर ही चलता है, जब उनके सरकार में कई जगह पुलिस कर्मियों द्वारा हत्या - बलात्कार की घटनाएं होती हैं तो थम जाती है।
उक्त आरोप आईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने लगाया। कहते हैं कि बिसरा जांच विधि विज्ञान प्रयोगशाला में भेज कर जांच की रपट आने तक मृतका निशा यादव के हत्या के आरोपी को गिरफ्तार न करना यह कहीं से न्याय संगत नहीं हैं। आरोपी पुलिस कर्मियों पर आईपीसी की धारा 302 की जगह मुकदमा अपराध संख्या 119/2022 आईपीसी 452 , 323 व 304 लगाकर इस घटना के बाद से चन्दौली प्रशासन बचाव करने की मुद्रा में आ गया।
एक मछली से पूरा तालाब गन्दा होने की कहावत में फंस गयी पुलिस !
आम जनता को यह जानने का हक़ बनता है की जिला पुलिस आखिर क्यों एक मछली की वजह से पूरे तालाब गन्दा करने को मजबूर होती दिख रही है। उस गन्दी मछली को ही क्यों न निकाल कर बाहर कर दे रही है। इसमें ताज्जुब होता है और न्याय की आस भी कम हो जाती हैं, तब जबकि सभी विपक्ष की पार्टी एक स्वर में मांग कर रहीं हैं कि घटना की न्यायिक जांच कराया जाए, लेकिन तमाम नेताओं का मनराजपुर जानें के बाद भी यह सरकार आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तार कर घटना की न्यायिक जांच के सवालों पर मौन है?
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बिसरा जांच के बाद क्या नार्को टेस्ट की आएगी बारी ?
बिसरा जांच, नार्को टेस्ट की बात कर आरोपी पुलिस कर्मियों को अभी गिरफ्तार न कर रहीं हैं! आरोपी पुलिस कर्मियों के ताकत का अंदाज़ा इसी बातें से भी लगा सकते हैं कि सत्ता के जनप्रतिनिधि भी उनके बचाव का बयान देने चूक नहीं रहे हैं। आप को मालूम हो कि पूर्व में बिसरे की जांच की रिपोर्ट आने में जांच कर्मियों की अभाव दिखाकर देर होता रहा है। नार्को टेस्ट के लिए अगर चन्दौली प्रशासन तैयार है, तो तत्काल पहल लेना चाहिए। लेकिन, उसके पहले आरोपी थानाध्यक्ष व पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी तो होना ही चाहिए। तभी न्याय संगत होगा।
आईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने कहा कि योगी सरकार की पुनः सत्ता में आने पर समाज के हर गरीब तबके पर हर स्तर पर हमला तेज हुई है। यह कानून राज की जगह पुलिस राज में तब्दील हो गया है। उन्होंने चन्दौली प्रशासन से इस घटना की न्यायिक जांच की मांग पुनः दोहराया।
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