कई गांवों में भूमिगत जल स्तर को बनाए रखने के लिए मनरेगा योजना से इस बार करोड़ों रुपए की लागत से अमृत सरोवर बनाया जाएगा|
जिसकी कवायद शुरू कर दी गई है। इस बार प्रखंड के खीरी, दुल्फा, खरहना, कैथहरकला एवं मटकीपुर पंचायत में अमृत सरोवर बनाया जाएगा।
लगभग एक एकड़ क्षेत्र में तालाब की खुदाई कर वर्ष भर वर्षा जल का संचय रखने की क्षमता होगी। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत इस बार चयनित इन पंचायतों में पोखरों की खुदाई एवं जीर्णोद्धार के साथ उसका सुंदरीकरण भी किया जाएगा। इसके लिए एक पोखरे पर 9 लाख 57 हजार ₹365 की राशि खर्च की जाएगी।
इस अभियान की शुरुआत बक्सर जिले में आए जलपुरुष डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद सिंह ने किया था। इन्होंने कहा था कि जल हमारे लिए एक अमृत समान होता है।
जिसमें वर्षा का जल काफी अमृत होता है। जिसे हमारे भूगोल वेताओं ने भी साबित कर दिया है। इसलिए खास तौर पर वर्षा जल को संचय करने के लिए जल को अमृत की तरह रखकर भूजल स्तर बरकरार रखने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
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अमृत सरोवर का उदघाटन, फोटो:pnp |
पिछले कई वर्षों से लगातार मौसम में हो रहे बदलाव से भूमिगत जल स्तर दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है।जिसको लेकर यह कवायद शुरू की गई है।
बिहार के कई जिलों में कई ऐसे गांव है। जिन गांव में तालाब की संख्या अधिक है। वहां भूमिगत जलस्तर अभी भी सामान्य बना हुआ है। इसी को लेकर इस अभियान के तहत राजपुर में भी अमृत सरोवर की खुदाई की जाएगी।
इस दौरान खीरी पंचायत में शुक्रवार को पीओ मोहम्मद सज्जाद जहीर एवं स्थानीय मुखिया की उपस्थिति में अमृत सरोवर बनाने का उद्घाटन किया गया। इसके अलावा दुल्फा एवं खरहना में भी इसका उद्घाटन किया गया है।
इस तालाब पर बनेगा मिनी पार्क
अमृत सरोवर के नाम से बनने वाले इस तालाब की कहानी भी अमृत की तरह होगा। मनरेगा योजना से इस तालाब के किनारे लोगों को टहलने के लिए पाथ-वे, वायर फेंसिंग, अमृत गेट, एक तरफ से सीढ़ी, समरसेबल ,आरसीसी बेंच, रेन वाटर चेंबर के साथ एक चबूतरा का भी निर्माण होगा।
तालाब के चारों तरफ हरा भरा रखने के लिए कई प्रकार के पेड़ पौधे भी लगाए जाएंगे। पेड़ पौधों पर पक्षियों का आश्रय स्थल बनेगा। जहां पर पक्षियों की कोलाहल से लोग अपने आप को शांति महसूस करेंगे।
कार्यक्रम पदाधिकारी मो. सज्जाद जहीर ने कहा कि अमृत सरोवर से जल वर्ष भर रिचार्ज रहेगा। वहीं, इसके निर्माण के बाद यहां का दृश्य बहुत ही मनोरम एवं प्राकृतिक होगा। क्षेत्र के लोग सुबह शाम टहलने के साथ ही प्रकृत की अद्भुत छटा का आनंद लेंगे।