गौवंश की रक्षा व सुरक्षा की कसम खाने वाली योगी सरकार गौ-संरक्षण केन्द्र पर बजट बढ़ाये : अजय राय

गौवंश की रक्षा व सुरक्षा की कसम खाने वाली योगी सरकार गौ-संरक्षण केन्द्र पर बजट बढ़ाये : अजय राय

गाय को लेकर राजनीति करने में सरकार भले ही पीछे नहीं है, लेकिन गौवंश केन्द्र पर जब भी बजट बढ़ाने की बात होती हैं तो यह सरकार मौन साध लेती हैं|

गौवंश की रक्षा व सुरक्षा की कमस खाने वाली योगी सरकार गौ-संरक्षण केन्द्र पर बजटपर चुप्पी. फोटो-pnp

दान के जरिये भूसे का इंतजाम  करना ऊंट के मुंह में जीरा

purvanchalnewsprint.blogspot.com |चन्दौली| गाय को लेकर राजनीति करने में सरकार भले ही पीछे नहीं है, लेकिन गौवंश केन्द्र पर जब भी बजट बढ़ाने की बात होती हैं तो यह सरकार मौन साध लेती हैं। इसका नतीजा यह हैं गौवंश की रक्षा व सुरक्षा दोनों खतरे में हैं और हर गौवंश केन्द्र पर पशुओं की मौत भूख और बीमारी से हो रहीं हैं।

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उक्त बातें चकिया नगर पंचायत की देखरेख में ब्लॉक मुख्यालय के गौवंश केन्द्र सहित चकिया व नौगढ़ के तमाम गौवंश केन्द्र पर पशुओं की देखभाल व उनको दिए जा रहें चारें (भोजन) की जानकारी लेने के बाद आईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य  व मजदूर किसान मंच के चन्दौली प्रभारी अजय राय ने कही। 

उन्होंने कहा कि गौवंश केन्द्र का हाल बेहाल हैं। पशुओं की मौत संतुलित चारें व सही इलाज के अभाव में रोजानाबना हुआ है। ज्यादातर आवारा व तस्करी में पकड़े गए पशु इन गौवंश केन्द्र पर रखे गये हैं, इसलिए खूब तंदुरुस्त थे लेकिन सरकार द्वारा दिया जा रहा तीस रूपये प्रति जानवर की खुराक से इनको कोई संतुलित आहार नहीं मिल पा रहा है। 

सूखी भूसी खाकर इनका शरीर दुर्बल होते जा रहे हैं। इनकी बीमारियों के इलाज करने में भी कोताही बरती जा रहीं है। इसलिए, रोजाना हर गौवंश केन्द्र पर पशुओं की मौत हो रही है।  गौवंश की सुरक्षा के लिए कानून बनाने, रक्षा की कसमें खाने से जमीनी हकीकत नहीं बदल जाती है। 

गौशाला की तस्वीर व पशुओं की हालत देखकर हर कोई सिहर जायेग,  रोजाना भूख कहें या बीमारी लेकिन हर गौवंश केन्द्र पर पशुओं की मौत हो रहीं है और अधमरे हालत में कउआ से लेकर कुत्ते तक तक शरीर को नोचने लगते हैं। बदहाली के लिए यह विभाग जिनको इन पशुओं की देखभाल की जबाबदेही मिली है। वह लोग बजट अभाव का रोना रोने लग रहें  हैं।

 इन गौवंश केन्द्र में गौवंश तिल -तिल कर मर रहे हैं। इस पर न सरकार का दिल पसीज रहा है और न पशु प्रेमियों का। इसलिए आज इन गौवंश की दुर्दशा व बजट बढ़ाने को लेकर और उन गौवंश केन्द्र की जबाबदेही में लगे लोगों की जिम्मेदारी मानते हुए उन पर कार्यवाही करने हेतु मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को पत्र लिखा गया है।

उन्होंने कहा कि सिर्फ दान के जरिए भूसे का इंतज़ाम कर पाना आसान नहीं है। उनके पोषण के लिए सिर्फ़ भूसा ही नहीं, हरा चारा भी चाहिए, लेकिन इसकी व्यवस्था टेढ़ी खीर साबित हो रही है। योगी सरकार कर्मचारियों पर दान में भूसा जुटाने के लिए दबाव बना रही है। आखिर दान के भूसे से गोशालाओं में पाली जा रही निराश्रित गायों को कब तक पाला जाएगा ?

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