लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) की तैयारी : मायावती ने 30 जून को बुलाई बैठक, उपचुनाव में हार के बाद की होगी समीक्षा

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) की तैयारी : मायावती ने 30 जून को बुलाई बैठक, उपचुनाव में हार के बाद की होगी समीक्षा

बसपा सुप्रीमो ने 30 जून को एक बैठक बुलाई है, जिनमें रामपुर और आजमगढ़ में हुए लोकसभा उपचुनाव में हार के बाद की समीक्षा करेंगी | 

बसपा राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती 

Purvanchal News Print | 
लखनऊ। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने पार्टी कार्यालय पर 30 जून को बैठक बुलाई है। इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मंडलवार पदाधिकारी शामिल होंगे। बसपा अभी से साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में जुट गयी है। 

खबर है कि इस बार पार्टी का केवल दलित-मुस्लिम फैक्टर पर फोकस रहेगा | बता दें कि साल 2019 में सपा-गठबंधन के साथ 40 सीटों पर बसपा ने चुनाव लड़ते हुए उत्तर प्रदेश में 10 सीटें जीती थीं। बसपा लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के मिशन के लिए किस फैक्टर पर काम करेगी, उसे लेकर मंथन होना है। 

बसपा अभी से साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में जुट गयी है। इस बार पार्टी का केवल दलित-मुस्लिम फैक्टर पर फोकस रहेगा |मायावती ने 30 जून को बुलाई बैठक, उपचुनाव में हार के बाद की समीक्षा होगी |

उत्तर प्रदेश की राजनीति में जातीय समीकरण हर बार के चुनाव में देखने को अवश्य मिलते हैं। आजमगढ़ और रामपुर चुनाव में जिस तरीके से जातीय फैक्टर का असर देखने को मिला। इससे साफ हो गया है कि जातीय फैक्टर का बिखराव होने की वजह से समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाली आजमगढ़-रामपुर लोकसभा सीट बसपा और सपा को गंवानी पड़ी है। हालांकि, बसपा 2019 के चुनाव के परिणाम और वोट के प्रतिशत के साथ 2024 की तैयारियों को लेकर चिंतन शुरू कर दी है।  

प्रबुद्ध सम्मेलन की रिपोर्ट को बसपा ने नकार दिया 

 साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सतीश चंद्र मिश्रा के नेतृत्व में प्रदेशभर के सभी मंडलों में 22 प्रबुद्ध सम्मेलन आयोजित किए गए थे। लेकिन  2022 के विधानसभा चुनाव के परिणाम के आने के बाद मायावती ने सम्मेलन की समीक्षा रिपोर्ट को ही नकार दिया। बसपा सूत्रों की मानें तो मायावती ने वरिष्ठ नेताओं की बैठक में साफ कहा है कि 2022 के चुनाव में प्रबुद्धजन सम्मेलन करने के बावजूद भी बसपा को कोई फायदा नहीं हुआ। जिस उद्देश्य को लेकर बैठक और सम्मेलन किए गए थे। इसका कोई मतलब नहीं निकला।  

जातीय समीकरण से कैंडिडेट होंगे तलाशने 

यह माना जा रहा है कि बसपा प्रमुख 30 जून को होने वाली बैठक में अभी से उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर जातीय समीकरण के साथ उम्मीदवार तलाशने की निर्देश दें सकती हैं । खबर है कि बसपा द्वारा उम्मीदवार की तलाश के लिए नए पदाधिकारियों की नियुक्ति करने के निर्णय लिए जा सकते हैं।  

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