श्रम मंत्री अनिल राजभर ने उप्र सरकार के सौ दिन पूरे होने पर अपने विभाग की उपलब्धियां गिनाई| कहा कि श्रम विभाग ने प्रदेश में 90 रोजगार मेला का आयोजन किया है |
सौ दिन पूरे होने पर अपने विभाग की उपलब्धियां गिनाई |
Purvanchal News Print | लखनऊ। श्रम मंत्री अनिल राजभर ने उप्र सरकार के सौ दिन पूरे होने पर अपने विभाग की उपलब्धियां गिनाई। कहा कि श्रम विभाग ने प्रदेश में 90 रोजगार मेला का आयोजन किया है।
इस लक्ष्य में श्रम विभाग ने 179 ग्राम पंचायतों व 96 शहरी वार्डों को बालश्रम मुक्त घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल से 30 जून के बीच कुशल कामगारों के पंजीकरण का लक्ष्य चार हजार था, लेकिन विभाग ने 7,875 कुशल कामगारों का रजिस्ट्रेशन भी कराया।
अनिल राजभर ने बताया कि 2011 की जनगणना के अनुसार, उ0प्र0 देश में कामकाजी बच्चों की संख्या की दृष्टि से प्रथम स्थान पर था। अतः वर्तमान सरकार ने यह निर्णय लिया है कि आगामी पांच वर्षाें में प्रदेश को बाल श्रम जैसी कुप्रथा से मुक्त कराया जाना है।
इसके दृष्टिगत नया सवेरा योजना के अन्तर्गत आच्छादित 20 जिलों में कामकाजी बच्चों को कार्य से अवमुक्त कराकर उनको विद्यालयों में प्रवेशित व नियमित कराया जा रहा है। इसके साथ ही उनके परिजनों को सरकार की विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से लाभन्वित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में चीनी व आसवानी उद्योेग में गत कई वर्षाें से वेतन का पुनरीक्षण नहीं हुआ था, जिससे एक बड़ी संख्या में श्रमिकों को आर्थिक हानि हो रही थी तथा समय-समय पर श्रमिक और नियोजकों में इस विषय पर टकराव की स्थिति पैदा होती थी। 100 दिवसीय कार्ययोजना में चीनी व आसवानी उद्योग में नियोजित श्रमिकों के वेतन के पुनरीक्षण का लक्ष्य था।
अतः इस लक्ष्य को प्राप्त करते हुए चीनी व आसवानी उद्योग में श्रमिकों का वेतन पुनरीक्षण कर दिया गया है, जिससे की चीनी मीलों के श्रमिकों को एरियर के रूप में लगभग 78 हजार रुपये मिलेगा तथा लगभग 1600-1700 रुपये तक की वेतन वृद्धि होगी।इसी प्रकार आसवानी उद्योग में एरियर के रूप लगभग 69 हजार रुपये व लगभग 1450 रुपये प्रति माह वेतन में वृद्धि होगी।
इसी प्रकार 100 दिवसों के अन्तर्गत श्रम विभाग की कार्ययोजना के अन्तर्गत प्रदेश में सभी दुकानों का, उ0प्र0 दुकान एवं वाणिज्यिक अधिष्ठान अधिनियम 1962 के अन्तर्गत पंजीकरण कराना होता था तथा प्रत्येक 05 वर्ष में इस पंजीकरण का नवीनीकरण कराना भी आवश्यक था।
100 दिन की कार्ययोजना के अन्तर्गत बिना कर्मचारी वाले दुकानदारों को पंजीकरण से मुक्त कराना व अन्य दुकानदारों को प्रत्येक 05 वर्ष में नवीनीकरण से मुक्त किये जाने का लक्ष्य था। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु नियमावली में आवश्यक संशोधन कर लिये गये हैं। अब मंत्री परिषद के अनुमोदन के बाद शीघ्र ही इस व्यवस्था को लागू कर दिया जायेगा।
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