शासन - प्रशासन की उदासीनता के चलते यूपी-बिहार बार्डर पर स्थित करौती प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर हो गया है | बारिश में विद्यालय की छत गिरा तो बच्चों का क्या होगा ? अभिभावकों की चिंता बढ़ गयी है |
धीना, चंदौली | शासन प्रशासन की उदासीनता के चलते यूपी - बिहार बार्डर पर स्थित करौती प्राथमिक विद्यालय भवन अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है |योगी सरकार द्वारा शिक्षा के नाम पर अनेकानेक सुविधाएं दी जा रही हैं , लेकिन इसका जीता जागता उदाहरण यह करौती विद्यालय बयां कर रहा है जहाँ जर्ज़र भवन में बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं |
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बारिश में गिरा विद्यालय की छत तो बच्चों का क्या होगा ? अभिभावक चिंतिति
विकास खंड बरहनी अंतर्गत स्थित ग्रामसभा ककरैत से सबबद्द प्राथमिक विद्यालय करौती का भवन काफ़ी जर्जर हो गया है। छत, दीवाल फट गयी है बरसात के दिनों में बारिस का पानी कमरे के अंडर टपकता है | कार्यालय सहित तीन कमरें एक ओसारा है एक रसोईया धर है | छात्र छात्रा मिलाकर कुल संख्या 67है |बच्चों के पठन पाठन हेतु कमरे का भी अभाव है |
मीनू के अनुसार मध्य|न्ह भोजन की व्यवस्था ठीक ठाक है | एक प्रधानाध्यापक और दो सहायक अध्यापक की नियुक्ति है | एक से लेकर पांचवी तक कक्षाएं संचालित हैं | यह विद्यालय भवन सन 2012में बनाया गया है इस भवन को बने मात्र दस साल हो गए और भवन की स्थिति ऐसी हो गयी इससे प्रतीत होता है। इसमें भवन निर्माण में मानक की अनदेखी की गयी होगी |
प्रधानाध्यापक संजीव कुमार ने बताया कि इस विद्यालय के भवन की समस्या से निवर्तमान दोनों खंड शिक्षा अधिकारीबरहनी को लिखित रूप में काफ़ी दिन पहले अवगत करा दिया गया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई |वर्तमान खंड शिक्षाधिकारी को भी लिखित रूप से अवगत कराऊंगा |
ग्रामीण आलोक पाण्डेय, मुन्ना प्रजापति, सुनील शर्मा, फिरोज अली बालेश्वर राम, सुनील राम ने कहा कि यह करौती विद्यालय भवन कभी भी धराशायी हो सकता है और उक्त विद्यालय में पठन पाठन कर रहे बच्चे काल कवलित हो सकते हैं |जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी | हम सब काफी चिंतित हैं।
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी चंदौली का ध्यान इस ऒर आकृष्ट कराकर अविलम्ब विद्यालय भवन मरम्मत की मांग की है ताकि विद्यालय में पठन पाठन कर रहे बच्चों की जान बचाई जा सके और उनका भविष्य खतरे में न पड़ सके |
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