ग्रामसभा लेहरा में मिथिलेश कुमार 5 वर्षीय बेटे सूरज को पागल कुत्ते के मुंह से बचाने में तो कामयाब हो गए लेकिन पागल कुत्ते का विष उनकी ही काल बन गया |
हृदय विदारक घटना ने सबको रुला दिया |
Purvanchal News Print | रिपोर्ट : अवधेश यादव
सकलडीहा, चंदौली । जिले के सकलडीहा में हृदय विदारक घटना ने सबको रुला दिया। विकासखंड के ग्रामसभा लेहरा में मिथिलेश कुमार अपने 5 वर्षीय बेटे सूरज को पागल कुत्ते के मुंह से बचाने में तो कामयाब हो गए लेकिन पागल कुत्ते के विष ने उनको ही मौत के आगोश में ले लिया।
हुआ यह कि 13 जून 2022 को एक पागल कुत्ते ने दरवाजे पर खेल रहे 5 वर्ष के सूरज को काटना शुरू किया, उस समय मासूम सूरज के हाथ पैर पटकने से शोर मचा तब तक पिता मिथिलेश कुमार दौड़ते हुए कुत्ते के मुंह में हाथ डालकर जबरदस्ती सूरज की खोपड़ी को कुत्ते के मुंह से बाहर निकाल लिया।
इस जद्दोजहद में मिथिलेश कुमार को पागल कुत्ते का दांत उनके हाथों में बुरी तरह से धस गया था, दोनों पिता-पुत्र को सरकारी हॉस्पिटल सकलडीहा लाया गया. जिसमें सकलडीहा के सरकारी डॉक्टरों ने तत्काल सूरज को शिव प्रसाद गुप्त अस्पताल वाराणसी भेज दिया।
वहां पर ₹ 6000 का इंजेक्शन लगा तो सूरज की हालत ठीक थी। मगर, इधर मिथिलेश कुमार को कुत्ते की सुई 13 तारीख, 16 व 20 तारीख को लगा लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई। अचानक मिथिलेश की मौत से उनके दो बच्चे दीपा 7 वर्ष और सूरज 5 वर्ष अनाथ हो गए। घर में मजदूरी करने वाला एकलौता मिथिलेश ही थे। उनकी गरीबी की हालत अभी सुधरा भी नहीं था कि तब तक बच्चों के ऊपर से पिता का साया उठ गया।
मिथिलेश के पास जमीन जायजाद नहीं थी। सरकार की तरफ से पागल कुत्ता या सर्पदंश से अचानक हुई मृत्यु में ₹500000 का आर्थिक मददद का प्रावधान है। लोगों ने मुख्यमंत्री व डीएम चंदौली से मिथलेश के आश्रित पत्नीव बच्चों को आर्थिक मदद की गुहार लगाए हैं।