UP News | उप्र के नए नगरीय निकायों में जल्द शुरू होगी 'मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना'

UP News | उप्र के नए नगरीय निकायों में जल्द शुरू होगी 'मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना'

नवसृजित, विस्तारित अथवा उच्चीकृत नगरीय निकायों के विकास कार्यों की समीक्षा की बैठक में CM योगी ने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए शहरीकरण एक अहम आयाम है | 

मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना’ की शुरुआत करने का निर्णय

Purvanchal News Print | लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के नए नगरीय निकायों में प्राथमिक सुविधाओं को प्राथमिकता देने के लिए ’मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना’ की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। प्रारम्भ करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में बुधवार देर शाम वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया।


नवसृजित, विस्तारित अथवा उच्चीकृत नगरीय निकायों के विकास कार्यों की समीक्षा को लोकभवन में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए शहरीकरण एक अहम आयाम है। हाल के दिनों में व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए विभिन्न नगरीय निकायों की सीमा विस्तार की कार्यवाही हुई है, साथ ही कई नए नगरीय निकाय भी गठित हुए हैं। अब इन क्षेत्रों में बुनियादी नगरीय सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए विशेष प्रयास किया जाना आवश्यक हो गया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि नवसृजित, विस्तारित अथवा उच्चीकृत नगरीय निकायों में मूलभूत नागरिक सुविधाओं के विकास के लिए ’मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना’ प्रारंभ करने की तैयारी की जाये। यह योजना इन नवीन नगरीय क्षेत्रों में सीवरेज, पेयजल, पार्किंग, स्वच्छता, चौराहों का सुंदरीकरण, मार्ग प्रकाश, सामुदायिक केंद्र, सड़क निर्माण, स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्र की स्थापना के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। इस सम्बंध में आवश्यक कार्यवाही तेजी से पूरी की जाए।


योगी ने कहा कि ’मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना’ के तहत होने वाले कार्यों की सूक्ष्मता से मॉनीटरिंग की जानी चाहिए। कार्य में पारदर्शिता और गुणवत्ता होनी चाहिए। बदलाव ऐसा हो जिससे कि आम लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव दिखे। लोगों को सुखद अनुभव हो। निर्माण एवं विकास कार्यों में नवाचार प्री फैब/प्री कॉस्ट कंक्रीट निर्माण तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए।


उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय जरूरत के मुताबिक नवीन नगरीय निकायों के सृजन, सीमा विस्तार के प्रस्ताव यथाशीघ्र प्रस्तुत करें। प्रस्ताव तैयार करते समय क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की भावना का भी ध्यान रखा जाए।