मंडलायुक्त की शिकायत के बाद हटाए गए डीपीएम साहब ने नहीं दिया चार्ज, नए अधिकारी परेशान

मंडलायुक्त की शिकायत के बाद हटाए गए डीपीएम साहब ने नहीं दिया चार्ज, नए अधिकारी परेशान

सूबे के मुखिया 'योगी आदित्यनाथ' भले ही प्रदेश में पुलों और सड़कों का जाल बिछाकर जनता को सहूलियत देना चाहते हों, किंतु उनके ही अधिकारी महत्वाकांक्षी योजनाओं को मूर्त रूप देने में लापरवाही बरतकर 'सीएम साहब' के सपनों को पलीता लगा रहे हैं | 

वाराणसी, पूर्वांचल । सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी भले ही प्रदेश में पुलों और सड़कों का जाल बिछाकर जनता को सहूलियत देना चाहते हों, किंतु उनके ही अधिकारी महत्वाकांक्षी योजनाओं को मूर्त रूप देने में लापरवाही बरतकर सीएम साहब के सपनों को पलीता लगा रहे हैं। 


 खबर है कि वाराणसी में उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड के उप परियोजना प्रबंधक पद पर सूरज गर्ग तैनात हैं , जिनका कुछ दिनों पूर्व स्थानांतरण चित्रकूट हो गया। बावजूद आज तक अपने पद पर बने हुए हैं और कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं हैं। दिलचस्प बात तो यह है कि चित्रकूट से वाराणसी स्थानांतरित हुए उप परियोजना प्रबंधक एसके निरंजन शासन के आदेश का पालन करते हुए हफ्तों पहले ही वाराणसी आ गए, किंतु सूरज गर्ग के द्वारा उन्हें चार्ज नहीं दिया जा रहा है। 


सच तो यह है कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र होने के कारण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते है। फुलवरिया   आरओबी यूपी सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में शामिल है। फुलवरिया आरओबी को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक विगत दिनों मंडलायुक्त के द्वारा बुलाई गई थी, जिसमें डीपीएम साहब जाना मुनासिब नहीं समझे। 


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जिससे नाराज होकर मंडलायुक्त ने प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखकर इन्हें तत्काल हटाकर किसी जिम्मेदार व्यक्ति की पोस्टिंग करने का निवेदन किया। पत्र का संज्ञान लेते हुए शासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए डीपीएम को चित्रकूट भेजने का फरमान जारी कर दिया। किंतु डीपीएम तो डीपीएम ठहरे, शासन का आदेश उनके ठेंगे पर। 


 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी में सेतु निगम की प्रगति की समीक्षा करने आ रहे हैं। इस महत्पूर्ण बैठक में इस मुद्दे के उठने की संभावना बढ़ गयी  है। असल सवाल यह है की स्थानांतरण के बाद भी अब तक शासन स्तर से कोई कार्रवाई हो पाती है अथवा वे यही जमे रह जाते हैं। इस मामले में बताया जाता है कि डीपीएम यहां से न जाने लिए एड़ी चोटी लगाए हुए हैं, अब असली वजह भी धीरे-धीरे सामने आने लगी है।   


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