राजधानी में स्थित लेवाना सुइट्स होटल में आग लगने के बाद इसके मालिक ही नहीं आला अफसरों के उपर भी सवाल खड़े होने लगे हैं, क्योंकि वे लिए अकेले दोषी नहीं हो सकते हैं | क्या सच में LDA ने होटल को नोटिस भेजा था , यह सही है तो कार्रवाई क्यों नहीं की ?
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लेवाना सुइट्स होटल में आगजनी , Photo-PNP
लखनऊ। राजधानी में स्थित लेवाना सुइट्स होटल में आग लगनें के बाद इसके मालिक ही नहीं आला अफसरों के उपर भी सवाल खड़े होनें लगे हैं, क्योंकि वे लिए अकेले दोषी नहीं हो सकते हैं। क्या सच में LDA ने होटल को नोटिस भेजा था , यह सही है तो कार्रवाई क्यों नहीं की ?
दरअसल इस पूरे मामलें में अधिकारियों की भी संलिप्तता भी अब सामनें आ गयी है। लेवाना सुइट्स होटल को एलडीए ने नोटिस दिया था, हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि ये केवल खानापूर्ती की तरह बनकर रह गया, नोटिस देने के बाद इस पर अम्ल हुआ कि नहीं लखनऊ विकास प्राधिकरण कार्रवाई करना ही भूल गया।
अब जब आज इतना बड़ा हादसा हो गया है तो एलडीए में हड़कंप मचा हुआ है। नोटिस देने के बाद एलडीए ने कार्रवाई नहीं की थी। राजधानी में यह कोई पहला मामला नहीं है जब एलडीए के अधिकारियों की लापरवाही सामनें आई हो। साल 2018 में नाका अग्निकांड में 5 लोगों की मौत हुई थी और जांच में 16 एलडीए इंजीनियर दोषी पाए गए थे।
इस घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि दोषी इंजीनियरों पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई, इसकी असली वजह क्या है ? लेवाना लेवाना सुइट्स होटल को संरक्षण देने वालों पर क्या कार्रवाई होगी?, अथवा कोई बहाना बनाकर सब मामला रफा दफा कर दिया जायेगा। सूत्र यहां तक बताते है है कि इस होटल से जुड़े मालिकों को LDA का संरक्षण मिल रहा था। इसलिए कोई मायने नहीं रखा।
दरअसल, अक्सर देखा गया है कि कहीं भी कोई घटना घटती है अधिकारी तुरंत मामले को दूसरी ओर मोड़ते हुए भ्रष्टाचार छुपाने की बात करते हैं। अगर समय रहते असल में कार्रवाई होती तो होटल में आग नहीं लगती।
लापरवाही की वजह से इतनें बड़े होटल में आग लगना और 2 लोगों की जान से हाथ धोना पड़ा। अभी तक आग लगने के कारणों का भी पता नहीं चल सका है। यह तय है कि की लेवाना सुइट्स होटल के मालिकों की बड़ी लापरवाही की वजह ये आग लगी है।
सबसे बड़ा सवाल ये है कि है दोषी इंजीनियरों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई इसके पीछे का कारण क्या है। लेवाना को संरक्षण देने वालों पर क्या कार्रवाई होगी? राहुल और रोहित अग्रवाल को भी LDA का संरक्षण था ? दरअसल समय रहते कार्रवाई होती तो होटल में आग नहीं लगती। देखना यह है कि इस आग को लेकर आला अफसर क्या कार्रवाई करते हैं ? अथवा मामले को दबा दिया जाता है।