'राष्ट्रीय एकता दिवस' पर सरदार पटेल एवं मां सरस्वती के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित किया गया तथा राष्ट्रीय एकता दिवस क्यों मनाया जाता है ? इस बारे में विद्यालय रामपुर में बच्चों को बताया गया |
तैल चित्र पर माल्यार्पण करते शिक्षक बलराम पाठक, फोटो - PNP |
👉 पटेल के राष्ट्र को एकजुट करने के प्रयासों को स्वीकार करने के लिये राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया : बलराम पाठक
By - Diwakar Rai / धीना, चंदौली | प्राथमिक विद्यालय रामपुर के प्रांगण में सोमवार को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक आदर्श शिक्षक बलराम पाठक ने सरदार वल्लभभाई पटेल एवं मां सरस्वती के तैलचित्र की प्रतिमा पर मालार्पण किए तथा राष्ट्रीय एकता दिवस क्यों मनाया जाता है इस बारे में बच्चों को जानकारी दी गयी |
सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 गुजरात के नाडियाद में सरदार पटेल का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम झवेरभाई और माता का नाम लाडबा देवी था। सरदार पटेल एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा आजाद भारत के पहले गृहमंत्री थे। स्वतंत्रता की लड़ाई में उनका महत्वपूर्ण योगदान था, जिसके कारण उन्हें भारत का लौह पुरुष भी कहा जाता हैं।
भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को मनाने के लिए भारत सरकार द्वारा साल 2014 में इस दिन की शुरुआत की गई थी| सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में और 560 रियासतों से भारत के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी | पटेल के राष्ट्र को एकजुट करने के प्रयासों को स्वीकार करने के लिए राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है।
भारत विविधताओं का देश है धर्म, संस्कृतियाँ, परंपराएँ और भाषाएँ. इसलिए, राष्ट्र की एकता को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। यह दिन भारतीय इतिहास में पटेल के योगदान के बारे में जागरूकता फैलाने का उद्देश्य रखता है। इसके बाद बच्चों के द्वारा कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया| बच्चों को इस अवसर पर दौड़, पेंटिंग तथा निबंध प्रतियोगिता कराया गया |
इस अवसर पर विद्यालय के सभी अध्यापक गण रिंकू चंद्र लकमुद्दीन राजेश बिंद मनीषा शिवमुनि राम तथा रूहिया खानम एवं रसोईया उपस्थित रहीं।