चंदौली के पूर्व सांसद और सपा के वरिष्ठ नेता रामकिशुन यादव ने 13 साल पुराने मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पंचम) एमपी-एमएलए कोर्ट की अदालत में सरेंडर कर दिया |
वाराणसी। चंदौली के पूर्व सांसद और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामकिशुन यादव ने 13 साल पुराने मामले में गुरुवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पंचम) एमपी-एमएलए कोर्ट उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में सरेंडर कर दिया।
चंदौली के पूर्व सांसद और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता के जुलूस निकालने के दौरान सरकारी सम्पति की तोड़फोड़, काम में बाधा डालने सहित अन्य आरोपों को लेकर पूर्व सांसद के अधिवक्ता और अभियोजन पक्ष ने न्यायालय में पक्ष रखा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने 20-20 हजार रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर पूर्व सांसद को रिहा करने का आदेश दिया। अभियोजन पक्ष के तत्कालीन थाना प्रभारी कैंट डीपी आर्या ने 16 सितम्बर 2009 को कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
डीपी आर्य कई थानों की फोर्स के साथ समाजवादी पार्टी के धरना-प्रदर्शन के दौरान वाराणसी जिला मुख्यालय पर मौजूद थे। उसी दौरान चंदौली के तत्कालीन सांसद रामकिशुन यादव, पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह, तत्कालीन शहर उत्तरी के विधायक अब्दुल समद अंसारी सैकड़ों कार्यकर्ता के साथ जुलूस की शक्ल में जिला मुख्यालय पर पहुंचे और कलेक्ट्रेट की ओर अंदर बढ़ने लगे।
जब पुलिस ने सभी को रोकने का प्रयास किया तो लोग आक्रोशित हो गए और पुलिस से उलझ गए। इस दौरान जुलूस में शामिल लोगों ने तोड़ फोड़ करने के साथ ही सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया।
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