' इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया की दशा और दिशा ' पर गोष्ठी में पत्रकारों ने खुलकर रखे विचार

' इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया की दशा और दिशा ' पर गोष्ठी में पत्रकारों ने खुलकर रखे विचार

श्रमजीवी पत्रकार यूनियन जिला इकाई द्वारा आयोजित गोष्ठी में ' इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया की दशा और दिशा ' पर परिचर्चा की गई| 

हाइलाइट्स :-

● श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के पूर्वी उत्तर प्रदेश संयोजक करुणा पति त्रिपाठी ने कहा- आज के परिवेश में पत्रकारिता बहुत ही चुनौती पूर्ण कार्य 

● प्रिंट मीडिया के पत्रकारों को भी डिजिटल मीडिया के आने से सहयोग मिला : अनिल यादव पूर्व प्राचार्य वरिष्ठ पत्रकार मंडल अध्यक्ष 

● जिलाध्यक्ष राकेश शर्मा ने कहा -' डिजिटल मीडिया के आने से प्रिंट का प्रभाव कुछ कम जरूर हुआ लेकिन खत्म नहीं '

● एखलाख अहमद सचिव ने कहा - ' संगठन में शक्ति होती है और पत्रकार साथियों को किसी भी परिस्थियों में डटकर सामना करना चाहिए'


चंदौली/ डीडीयू नगर । श्रमजीवी पत्रकार यूनियन जिला इकाई की शनिवार को करुणापति त्रिपाठी की अध्यक्षता में नगर पालिका सभासद सभागार में एक गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी में 'इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया की दशा और दिशा ' पर परिचर्चा की गई। 


गोष्ठी में श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के  पूर्वी संयोजक करुणा पति त्रिपाठी ने कहा कि आज के परिवेश में पत्रकारिता बहुत ही चुनौती पूर्ण कार्य हो गया है। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार जितना मेहनत करते उतना उनका पारिश्रमिक भुगतान नहीं होता है। लेकिन, इससे मान-सम्मान और चौथे स्तंभ की संकल्पना जब साकार होती है तब समाज में बदलाव दिखता है। 


गोष्ठी में डॉ. अनिल यादव पूर्व प्राचार्य वरिष्ठ पत्रकार मंडल अध्यक्ष ने प्रिंट और डिजिटल मीडिया के बारे में कहा कि कही न कही कोई चीज़े आगे बढ़ती तो अपने पीछे बहुत सी यादों को पीछे छोड़ जाती है। नए-नए इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के युग में निरंतर आगे बढ़ा है। प्रिंट और डिजिटल प्रिंट मीडिया के पत्रकारों को भी डिजिटल मीडिया के आने से सहयोग मिला है।

 पहले खबर को लिखने और भेजने में कठिनाई होती थी लेकिन सोशल और डिजिटल मीडिया के आने से प्रिंट के साथी को सहयोग होता है। वही प्रिंट की अगर बाते करे तो संकलन का काम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में नही होता पढ़ने और लिखने वालों के लिए प्रिंट ही सबसे बेहतर प्लेटफार्म है। किताबें और अखबार सबसे अच्छी मित्र होती है। अखबार आज शुद्ध रूप से मैगज़ीन के अवयव मिलते हैं। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बिजली की चमक जैसी है लेकिन प्रिंट मीडिया स्थायित्व है।प्रिंट मीडिया का बाजार एक मैगजीन का बाजार है।

कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष राकेश शर्मा ने प्रिंट मीडिया पर बल देते हुए कहा कि डिजिटल मीडिया के आने से प्रिंट का प्रभाव कुछ कम जरूर हुआ लेकिन खत्म बिल्कुल भी नहीं हुआ है और हमारा यूनियन का  ध्येय है कि सभी लोग एकजुट होकर एक दूसरे का सहयोग करते हुए कार्य करें। 

एखलाख अहमद सचिव ने कहा कि संगठन में शक्ति होती है और पत्रकार साथियों को किसी भी परिस्थियों में डटकर सामना करना चाहिए। वही निज़ाम बाबू महामंत्री ने गोष्ठी में आने वाले सभी पत्रकारों का स्वागत किया। 

इस मौके पर गौतम पाण्डेय, अशोक यादव,अवधेश यादव, कृष्णकांत गुप्ता, कृष्णमोहन गुप्ता, विजय कुमार,रमेश यादव, सूर्यप्रकाश सिंह, प्रवीण श्रीवास्तव, अमीय पाण्डेय, घूरेलाल कनौजिया, अलीम, डॉ मानवेन्द्र जायसवाल उपस्थित रहे।

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