आईएएस प्रेम प्रकाश मीणा ने कहा कि वर्तमान परिवेश में मीडिया के सामने कई अहम चुनौतियां हैं। लेकिन, सभी झंझावटों के बाद भी प्रिंट मीडिया अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफल हुई है।
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आठवें स्थापना दिवस पर सम्बोधन करते आईएएस मीणा |
Highlights :-
👉चंदौली में एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र के आठवें स्थापना दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि "वर्तमान परिवेश में मीडिया की चुनौती" विषयक आयोजित संगोष्ठी में बोले मीणा
👉एडिशनल डायरेक्टर डॉ. अंशु सिंह ने अपने सम्बोधन में कहीं कि - प्रिंट मीडिया का महत्वपूर्ण योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता
👉डॉ. राम बहादुर सिंह ने कहा कि "समाचार पत्र को दबे कुचले व जरूरतमंद की आवाज बनाना होगा "
👉राष्ट्रीय पत्रकार संघ भारत राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश सिंह ने कहा - पीड़ित पत्रकार की लड़ाई को संगठन के माध्यम से एकजुट होकर आगे बढ़ाया जा सकता है
👉वरिष्ठ पत्रकार आनंद सिंह ने कहा कि " पत्रकार की सोच इस बात पर निर्भर करती है कि हमारी लेखनी से कितने लोगों का भला कर रही "
By - Diwakar Rai / चंदौली । आईएएस प्रेम प्रकाश मीणा ने कहा कि वर्तमान परिवेश में मीडिया के सामने कई अहम चुनौतियां हैं। लेकिन, सभी झंझावटों के बाद भी प्रिंट मीडिया अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफल हुई है।
वे चंदौली में एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र के आठवें स्थापना दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि "वर्तमान परिवेश में मीडिया की चुनौती" विषयक आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे। यहां एक लॉन में आयोजित कार्यक्रम में आगे श्री मीणा ने आगे कहा कि बदलाव एक सतत प्रक्रिया है, क्योंकि परिवर्तन के साथ स्वयं को परिवर्तित करना बहुत आवश्यक हो जाता है। इसी पर विकास की धूरि आश्रित है।
विशिष्ट अतिथि एडिशनल डायरेक्टर डॉ. अंशु सिंह ने अपने सम्बोधन में कहीं कि हमेशा से प्रिंट मीडिया के पत्रकार कठिन परिश्रम कर समाचार संकलन करते हैं और हर किसी की आवाज को उठाने का भी कार्य करते हैं । इसलिए प्रिंट मीडिया का महत्वपूर्ण योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. राम बहादुर सिंह ने कहा कि समाचार पत्र के प्रकाशन का उद्देश्य दबे कुचले व जरूरतमंद की आज आवाज शासन तक पहुंचाने का होना चाहिए, तभी हमारी समाचार पत्र की सार्थकता सिद्ध होगी।
राष्ट्रीय पत्रकार संघ भारत राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश सिंह ने कहा कि पत्रकारों को अपने काम में समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है। ऐसे में संगठन के माध्यम से एकजुट होकर पीड़ित पत्रकार की लड़ाई को आगे बढ़ाया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षक नन्हे सिंह ने कहा कि वर्तमान परिवेश में मीडिया के सामने कई चुनौतियां हैं। लेकिन पत्रकार बड़ी ही सहजता के साथ उन चुनौतियों को स्वीकार कर समाचार का सकलं व प्रकाशन करते हैं।
समाचार संपादक रामाश्रय सिंह ने कहा कि पत्रकार अपनी लेखनी का उपयोग समाज हित में करें। वरिष्ठ पत्रकार आनंद सिंह ने कहा कि पत्रकार की सोच इस बात पर निर्भर करती है कि हमारी लेखनी से कितने लोगों का भला कर रही है। इसके लिए मीडिया कर्मियों को निष्पक्षता के साथ खबर प्रकाशित करनी पड़ेगी।
प्रोफेसर ज्ञान प्रकाश मिश्र ने कहा समाचार पत्र के माध्यम से लोगों को जागरुक करना जरूरी है। प्राचार्य आर. एन. शर्मा ने कहा कि पत्रकार समाज का दर्पण होता है। सच्ची खबर प्रकाशित करना पत्रकारों का दायित्व बनता है। कार्यक्रम संयोजक धीरेंद्र सिंह शक्ति ने वाराणसी ,कैमूर बिहार, बलिया, गाजीपुर, सोनभद्र, चंदौली और मऊ से आए सभी पत्रकारों को अंगवस्त्रम, टोपी व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। अध्यक्षता डॉ. राम बहादुर सिंह व संचालन जेपी रावत ने किया।
इस मौके पर ओएन राय, लियाकत अली, कृष्ण मोहन गुप्ता, तनवीर अहमद, अंजनी सिंह, सुनील सिंह, वरिष्ठ पत्रकार दिवाकर राय, सत्यनारायण प्रसाद, धर्मेंद्र मिश्र, लल्लू राही, डॉ अशोक मिश्र, जलील अंसारी, जमील खान, राहुल सिंह, संदीप निगम, ज्ञान चंद्र सिंह, अमरजीत यादव, रतन श्रीवास्तव, अवध सिंह सुशील तिवारी, लारेन सिंह खुर्शीद आलम सहित बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित रहे