परिषदीय विद्यालयों के बच्चों के भविष्य पर जनप्रतिनिधियों को देना होगा ध्यान : शंकर प्रसाद गुप्ता

परिषदीय विद्यालयों के बच्चों के भविष्य पर जनप्रतिनिधियों को देना होगा ध्यान : शंकर प्रसाद गुप्ता

परिषदीय विद्यालयों के ग्राम प्रधानों को अपने गाॅव के विद्यालय और बच्चों के भविष्य के बारे में जागरूक होना आज के समय की पुकार है |  

उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष कमालपुर शंकर प्रसाद गुप्ता - फोटो

By-Diwakar Rai / धीना, चंदौली  परिषदीय विद्यालयों के पठन -पाठन, रख, रखाव, बच्चों को दी जाने वाले मध्याह्न भोजन / एम डीएम ,पुस्तक वितरण, यूनिफार्म, विकास अनुदान आदि मूलभूत विषयों के बारे में ग्राम प्रधानों अपने गाॅव के विद्यालय और  बच्चों के भविष्य के बारे में जागरूक होना आज के समय की पुकार है । 


उक्त बातें उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष कमालपुर शंकर प्रसाद गुप्ता ने अपने आवास पर पत्र प्रतिनिधियों के बीच कही | उन्होंने आगे कहा कि बहुत ऐसे अविभावक है, जो अपने बच्चो का नामांकन तो करा देते हैं पर बच्चा विद्यालय गया कि नहीं ,यदि विद्यालय गया तो अध्यापक विद्यालय में आये हैं कि नहीं। यदि विद्यालय में अध्यापक है तो बच्चों को पढ़ा रह है कि अथवा गप- शप कर रहे हैं। 


इन सभी के लिए गाॅव के लोग ग्राम प्रधान का चयन करते हैं कि हमारे गाॅव का सर्वांगीण विकास हो । शासन द्वारा परिषदीय विद्यालयों में विकास के नाम पर ढेर सारी सुविधाए एवं धन आता है। 

जो अभिभावक तथा ग्राम प्रधान इस जानकारी से दूर रहते हैं, तब बन्दर बांट शुरू हो जाता है । स्थानीय क्षेत्र के कुछ परिषदीय विद्यालयों में ग्राम प्रधान स्वयं अथवा अपना प्रतिनिधि भेजकर शिक्षा की गुणवत्ता को परखने के साथ-साथ शासन द्वारा प्राप्त होने वाली मूलभूत सुविधाओ को देख रहे हैं।


 ऎसा ही कार्य प्राथमिक विद्यालय, पूर्व माध्यमिक विद्यालय मेँ प्रधान प्रतिनिधि रैथा मुहम्मद दिलशेर विगत दिनों किया. जिसकी चर्चा क्षेत्र में जोरों से सुनाई देने लगी है । 


सच देखा जाय तो ग्राम प्रधान का कार्य अपने गाॅव के प्रति ठीक उसी कड़ी में है, जिस प्रकार डीएम का अधिकार एवं कार्य जिले के प्रति होता है उसी राह । क्षेत्र के दीन,दुःखी असमर्थ जनता ने कर्मठ , ईमानदार, लोकप्रिय,सर्व जन सुखाय, सर्व जन हिताय की सोच रखने वाली डीएम का ध्यान आकृष्ट कराते हुए मांग की है कि जनपद के सभी ग्राम प्रधानों को परिषदीय विद्यालयों का औचक निरीक्षण करने की सलाह दी जाय । 


सभी से यह सुनने को मिलता है कि -बच्चे भारत के भविष्य हैं , पर भारत के भविष्य को बनाने के विषय मे स्थानीय स्तर पर जन प्रतिनिधियों को ध्यान देना अति आवश्यक है ।


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