UP News | राजधानी में डॉग अटैक का मामला थम नहीं रहा है। अभी 15 दिन पहले ही एक महिला पर दो कुत्तों हमला (Dog Attack) बोल दिया था। लेकिन पोलिस ने डॉग मालिक के खिलाफ कोई कारवाई नहीं की।
👉डॉग अटैक का नहीं थम रहा मामला, घटना मड़ियांव के रहीम नगर डुडौली का
👉पुलिस व नगर निगम की अनदेखी से सीएम का आदेश भी बेअसर
लखनऊ। यूपी की राजधानी में डॉग अटैक का मामला थम नहीं रहा है। अभी 15 दिन पहले ही एक महिला पर दो कुत्तों हमला (Dog Attack) बोल दिया था। लेकिन पोलिस ने डॉग मालिक के खिलाफ कोई कारवाई नहीं की। पीड़िता ने जब अल्पसंख्यक आयोग ने गुहार लगाई तब इस मामले में पुलिस (Police) ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है।
महिला का आरोप है कि जब वो सुबह टहलने के लिए निकली थी तो मोहल्ले के ही एक परिवार के दो कुत्तों ने उन पर हमला कर दिया। इस दौरान कुत्ते के मालिक ने दूसरे कुत्ते को भी उन पर छोड़ दिया। कुत्तों ने उन्हें बुरी तरह नोंच डाला और हाथ और पैर में गई गहरे घाव हो गए। इस महिला ने डॉग अटैक के इस मामले की शिकायत अल्पसंख्यक आयोग से थी।
सुबह टहलते हुए दो कुत्तों ने किया हमला
यह मामला है लखनऊ के मड़ियांव के रहीमनगर डुडौली में रहने वाली 52 साल की अतीकुन्निसा का। इनके मुताबिक जब वह 16 अक्टूबर की सुबह पड़ोस की तीन-चार महिलाओं के साथ टहल रही थी, वो घर से थोड़ा आगे पहुंची ही थीं कि उनके पड़ोसी अपने दोनों कुत्तों को टहला रहे थे। इसी बीच अचानक एक कुत्ते ने उन पर हमला कर दिया और जिससे उनके शरीर पर कई जगह घाव के निशान हो गए ।
आश्चर्यजनक पहलू तो यह है कि कुत्ते के मालिक ने उन्हें बचाने की बजाय अपना दूसरा कुत्ता भी उन पर छोड़ दिया। फिर दोनों कुत्तों ने उनके हाथ और पैर में कई जगह गहरे घाव कर दिए। मेरी चीख पुकार सुनकर आस पास के दौड़ पड़े और उन कुत्तों से बचाया।
पीड़िता के पति मो. अशरफ ने पुलिस से कहा कि कुत्तों के हमले की वजह से उनकी पत्नी खून से लथपथ हो गयी। कुत्तों के मालिक उनका इलाज कराने के लिए तैयार हो गए थे, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए बलरामपुर अस्पताल ले जाया गया।
वहां से डॉक्टरों ने ट्रॉमा सेंटर के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद वो लोगआनाकानी करने लगे और बिना इलाज कराये ही घर वापस लौट आ गए। उन्होंने किसी तरह अपनी पत्नी का इलाज कराया। मगर अभी भी उसकी उनकी हालत अब भी ठीक नहीं है, उसे 14 टांके लगे हैं।
पुलिस ने दर्ज किया मामला, जाँच शुरू
खबर है कि इस पूरे मामले में पहले तो पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उसे अल्पसंख्यक आयोग में गुहार लगाई। अब जब अल्पसंख्यक आयोग ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर को पत्रावली के जरिए विधिक कार्रवाई करने का आदेश दिया, तब कहीं जाकर पुलिस ने उनका मुकदमा पंजीकृत किया।
डीसीपी के मुताबिक मामले में वादी के बयान दर्ज कर विवेचना के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। अगर कुत्तों को पालने का मानक वो पूरा नहीं कर पाए, तो नगर निगम को पत्रावली भेजकर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।