यूपी नगर निकाय चुनाव को लेकर न्यायालय के फैसले के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सरकार पर बरसे पड़ें हैं। कहा - भाजपा आज पिछड़ों का, कल दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी।
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अखिलेश यादव, बोले- आज पिछड़ों का कल दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी भाजपा ! |
लखनऊ। यूपी नगर निकाय चुनाव को लेकर न्यायालय के फैसले के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सरकार पर बरसे पड़ें हैं। कहा - भाजपा आज पिछड़ों का, कल दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी।
हाईकोर्ट इलाहाबाद की लखनऊ बेंच ने 70 पेज का फैसला सुनाया है। जिनमें ओबीसी के लिए आरक्षित सभी सीटें सामान्य घोषित कर दिया है । इस फैसले के बाद निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सरकार बिफर पड़े हैं।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा विरोधी है और सिर्फ OBC आरक्षण पर घड़ियाली आंसू बहा रही है। भाजपा ने पिछड़ों के आरक्षण का हक छीना है। कल BJP दलितों के आरक्षण को भी छीन सकती है। भाजपा ने कोर्ट में ओबीसी आरक्षण को लेकर सही पक्ष नहीं रखा, इस वजह से ऐसा हुआ है।
यह कहा जा रहा है कि ओबीसी आरक्षण के बगैर चुनाव होना मुश्किल है, हालांकि कोर्ट ने नगर निगम चुनाव तत्काल कराने के भी निर्देश दिए हैं। फिर भी अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में जाना तय माना जा रहा है।
ओबीसी के हक के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा अपना दल (एस)
इधर, अपना दल (एस) ने कहा है कि OBC आरक्षण के बिना निकाय चुनाव किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। हम इस संदर्भ में माननीय लखनऊ उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले का अध्ययन कर रहे हैं। जरूरत पड़ी तो ओबीसी के हक के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
यूपी सरकार ने कहा, आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर आरक्षण उपलब्ध कराएगी
कोर्ट का फैसला आने के बाद यूपी सरकार ने कहा है कि आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग को निकाय चुनाव में आरक्षण उपलब्ध आएगी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा है कि बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव हो सकता है । इसमें ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को अब सामान्य वर्ग कर दिया है। यानि उत्तर प्रदेश में अब नगर निगम चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराया जा सकता है लेकिन ऐसा सरकार नहीं करना चाहेगी।
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आज मंगलवार को 70 पेज का फैसला सुनाया है। इस फैसले के बाद निकाय चुनाव ठन्डे बस्ते में होना तय है ,क्योंकि न्यायालय के फैसले से अब ओबीसी के लिए आरक्षित सभी सीटें सामान्य हो जाएगी ।