बिहार के बाद अब यूपी में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने पिछड़ी जातिगत जनगणना करने के मुद्दे को उठाया है।
👉अखिलेश ने ट्वीटर पर लिखा - "सामाजिक न्याय के जाति वार जनगणना चाहिए। ये सिर्फ हमारी ही नहीं सच्चे सामाजिक लोकतंत्र की भी मांग हैं '
👉यूपी की राजनीति में भी बिहार की तरह पिछडी जाति की जनगणना की उठ रही मांग
लखनऊ | बिहार के बाद अब यूपी की राजनीति में एक बार फिर पिछडी जाति की जनगणना को लेकर सरगर्मी बढ़ गयी है। यूपी में उपचुनाव के परिणामों के बाद से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) सरकार पर लगातार हमलावर है। साथ ही विपक्षी नेता ,दल बीजेपी (BJP) सरकार को कई मुद्दों को लेकर निशाने पर लिये हैं। बिहार सरकार के बाद अखिलेश यादव ने यूपी में जातिगत जनगणना (Caste Census) करने की मांग भी रख दी है। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना है।
बिहार में आरजेडी और जदयू गठबंधन की सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का फैसला लिया है। जिसके बाद अब अन्य राज्यों ने भी जातिगत जनगणना को लेकर मांग उठानी शुरू गयी है। अब सपा ने यूपी में भी जातिगत जनगणना की मांग शुरू कर दी है।
अखिलेश ने ट्वीटर पर लिखा
अखिलेश यादव ने ट्वीट के जरिए सीधे तौर पर अब ये मांग रखी हैं। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा - "सामाजिक न्याय के जाति वार जनगणना चाहिए। ये सिर्फ हमारी ही नहीं सच्चे सामाजिक लोकतंत्र की भी मांग हैं ' | राज्य में इससे पहले सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने पिछड़ी जातिगत जनगणना की मांग करते रहे हैं, वहीं इससे पहले एक ' न्यूज चैनल ' के प्रेस कांफ्रेंस में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से जातिगत जनगणना पर सवाल किया गया था, तब उस समय डिप्टी सीएम ने कहा था- " मैं जातिगत जनगणना के विरोध में नहीं हूं, बल्कि समर्थन करता हूं,यह होना चाहिए, इसमें कोई गलत नहीं है। "
उल्लेखनीय हो कि लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर कई राज्यों में ओबीसी वोटर्स पर पार्टियों का खास फोकस है| ओबीसी वोटर्स पर नजर गड़ाते हुए पार्टियों द्वारा राज्य में जातिगत जनगणना की मांग शुरू कर दी है |