सरकारी धान खरीद का पोर्टल बंद क्यों ? धान बिक्री का भुगतान 72 घंटे बाद निकला झूठ !

सरकारी धान खरीद का पोर्टल बंद क्यों ? धान बिक्री का भुगतान 72 घंटे बाद निकला झूठ !

 किसान विकास मंच के कार्यकर्ता डीएम के अनुपस्थिति में प्रभारी अधिकारी अपनी मांग पत्र सौंप कर क्रय केंद्रों पर तौल कराए गये धान के भुगतान का मांग की |


👉किसान विकास मंच के कार्यकर्ताओं ने डीएम ईशा दुहन से मिलकर मांग पत्र सौंप, लगाई गुहार 


चंदौली। किसानों की समस्याओं को लेकर किसान विकास मंच के कार्यकर्ता डीएम ईशा दुहन से मिलने गए। डीएम के अनुपस्थिति में प्रभारी अधिकारी अतुल गुप्ता को अपनी मांग पत्र सौंप कर सरकारी धान क्रय केंद्रों पर तौल कराए गये धान के भुगतान का मांग की । वही बंद पड़े पोर्टल को चालू कराने की मांग के साथ पीसीएस सेंटर को खोलने की मांग उठायी। जिससे सभी किसानों के धान को खरीदा जा सके।

सरकारी धान खरीद का पोर्टल बंद क्यों ?


किसान विकास मंच के संयोजक रामअवध सिंह ने कहा कि सरकारी धान खरीद के लिए पोर्टल बंद रहने के कारण क्रय केंद्रों पर धान का तौल करा चुके किसानों का अंगूठा नहीं लग पा रहा है। जिससे किसानों के धान बिक्री का भुगतान रुका पड़ा हुआ है। वही पीसीएफ केंद्र इलिया, हॉट निरीक्षक केंद्र शहाबगंज को बंद रहने के कारण आज तक बहुत से किसानों का धान खलिहान में पड़ा हुआ है। 

किसानों के धान बिक्री का भुगतान 72 घंटे बाद निकला झूठ 


आरोप है कि शासन द्वारा किसानों के धान बिक्री का भुगतान 72 घंटे में होना है, लेकिन 15 से 20 दिन हो जा रहे हैं और भुगतान नहीं हो रहा है। विकास मंच के कार्यकर्ताओं ने पत्र के माध्यम से चेताया किसानों की समस्याओं का शीघ्र निस्तारण नहीं किया गया तो वह आंदोलन को बाध्य होंगे।

इस अवसर पर जिलाध्यक्ष राधेश्याम पांडेय, रामअवध सिंह, सुरेश मौर्य, मिथिलेश सिंह, श्यामलाल मौर्य, विकास कुमार सिंह आदि कार्यकर्ता रहे।


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