सपा जिलाध्यक्ष सत्यनारायन राजभर ने ऐसी बनाई आंदोलन की रणनीति की अखिलेश यादव भी देंगे शाबाशी !

सपा जिलाध्यक्ष सत्यनारायन राजभर ने ऐसी बनाई आंदोलन की रणनीति की अखिलेश यादव भी देंगे शाबाशी !

सपा के जिलाध्यक्ष सत्यनारायन राजभर रायल ताल की जमीन को लेकर किसानों के साथ गुपचुप तरीके से ऐसी रणनीति बना रहे हैं कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी शाबाशी देने को मजबूर हो जाएंगे।

सपा जिलाध्यक्ष सत्यनारायन राजभर ने ऐसी बनाई आंदोलन की रणनीति की अखिलेश यादव भी देंगे शाबाशी !
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सत्यनारायन राजभर 


चंदौली। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सत्यनारायन राजभर रायल ताल की जमीन को लेकर किसानों के साथ गुपचुप तरीके से ऐसी रणनीति बना रहे हैं कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी शाबाशी देने को मजबूर हो जाएंगे। आने वाले समय में यह आंदोलन बड़ा सियासी परिवर्तन भी कर सकता है।  

 बता दें कि जनपद में सकलडीहा ब्लॉक अंतर्गत डिघवट गांव के पास रॉयल ताल की 1808 एकड़ जमीन को लेकर समाजवादी पार्टी नेतृत्व में किसानों ने धरना प्रदर्शन करके चेतावनी दी थी कि अगर जल्द से जल्द किसानों को उनकी जमीन का कागजात मिलना शुरू नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन किया जायेगा। सपा जिलाध्यक्ष ने हर हाल में  किसानों की पुश्तैनी जमीन  उत्पन्न समस्या को दूर करने की मांग उठाई थी। 

उस दिन डीएम ऑफिस पर हुए आंदोलन में पूर्व सांसद रामकिशन यादव, सकलडीहा विधायक प्रभु नारायन यादव सहित कई छोटे बड़े नेताओं ने धरना प्रदर्शन में भाग लिया था। शासन- प्रशासन की चेतावनी दी गई थी कि अगर जल्द से जल्द किसानों को जमीन के कागजात मिलने शुरू नहीं हुए तो आंदोलन तेज किया जायेगा। क्यूंकि उस क्षेत्र के किसानों को उनकी जमीन के कागजात मिलने बंद हो गए हैं ।

बावजूद अभी तक शासन- प्रशासन की ओर से सकारात्मक स्थिति नहीं बनती दिख रही है। इसे देखते हुए पार्टी जिलाध्यक्ष श्री राजभर ने पार्टी के अलावा कई किसान संगठनों के साथ-साथ मिलकर गुपचुप तरीके से एक बड़ा आंदोलन की रणनीति पर गहराई से मंथन कर रहे हैं, यह सम्भवतः सरकारी खुफिया विभाग को भी पता नहीं होगा। 

अगर किसानों की जमीन के प्रकरण में शासन-प्रशासन अथवा जिले के किसी उच्चाधिकारी का अधिकृत बयान सूचना नहीं आता है तो जनपद में किसानों का बड़ा आंदोलन कभी भी देखने को मिल सकता है। इसे लेकर किसानों ने अपनी गोलबंदी तेज कर दी है।

  इस प्रकरण में किसान कानूनी मदद  की भी समीक्षा कर रहे हैं। इस आंदोलन की रणनीति के बारे में सत्यनारायण राजभर जल्द ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत बड़े नेताओं को भी अवगत कराने की योजना बना रहे हैं। ऐसे में इस रणनीति को जान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी राजभर को शाबाशी देने को मजबूर हो जाएंगे। 

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