सपा के नेतृत्व वाली सरकार में तो सिर्फ खेल ही खेल होते थे : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

सपा के नेतृत्व वाली सरकार में तो सिर्फ खेल ही खेल होते थे : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

 Lucknow News : योगी ने राज्य की पिछली सपा के नेतृत्व वाली सरकार पर ‘ घोटालों का खेल ’ होने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक घोटाले, जिनमें 97 हजार करोड़ रुपये का गबन की बात सामने आयी है। 

सपा के नेतृत्व वाली सरकार में तो सिर्फ खेल ही खेल होते थे : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
  सपा के नेतृत्व वाली सरकार में तो सिर्फ खेल ही खेल होते थे : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की पिछली समाजवादी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार पर सीधा हमला बोला। इनके कार्यकाल में ‘ घोटालों का खेल ’ होने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक घोटाले  जिनमें 97 हजार करोड़ रुपये का गबन की बात सामने आयी है।

 
मुख्यमंत्री आज विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण से सम्बन्धित धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे थे। वे सपा के नेतृत्व वाली पिछली सरकार पर भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप लगाये। उन्होंने कहा, ‘‘इनकी सरकार में सिर्फ खेल ही खेल तो होते थे। लैपटॉप घोटाले का खेल, खाद्यान्न घोटाले का खेल, गोमती रिवरफ्रंट घोटाले का खेल। अभी उनमें से एक की रिपोर्ट ऐसी आई है। जिनमें एक कार्यकाल में 97 हजार करोड रुपये के घोटाले का उल्लेख किया गया है।’’ 


हालांकि,आरोप के मामले में मुख्यमंत्री ने यह साफ हीं किया कि यह आंकड़ा किससे सम्बन्धित है। योगी ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘भर्ती घोटाले का खेल भी इन्हीं के कार्यकाल में हुआ था। चयन आयोगों पर उच्च न्यायालय की टिप्पणी, भर्तियों में जमकर भ्रष्टाचार और प्रतिभा के साथ छल का खेल भी  इनके समय में  होता था।मथुरा में रामवृक्ष कांड का खेल, मुजफ्फरनगर के दंगे और शाहजहांपुर में एक पत्रकार जुगेंद्र सिंह को जिंदा जला दिया गया, यह भी तो एक खेल ही हो रहा था।’’ 


सीएम ने सपा और विपक्ष के नेता अखिलेश यादव द्वारा गत 23 फरवरी को सदन में की गयी एक टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘नेता विरोधी दल उस दिन एक नयी चर्चा कर रहे थे... वह खेल के बारे में था। वह कह रहे थे कि मैं अकेले ही खेल (फुटबॉल मैच) देख रहा था। मैं तो अकेला ही हूं। 


मुख्यमंत्री योगी ने अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में खेले गये एक क्रिकेट मैच का जिक्र किया। कहा, ‘‘हमें लगा था कि नेता विरोधी दल बहुत बड़े खिलाड़ी होंगे, तो हो सकता है कि हम उनका नाम किसी पुरस्कार के लिये भेज देंते । मेजर ध्यानचंद पुरस्कार के लिये किसी पूर्व मुख्यमंत्री का नाम आ जाए तो बहित अच्छी बात है, लेकिन देखिये वह कैसे खेलते थे।’’ 


उन्होंने उक्त क्रिकेट मैच के बारे में एक अखबार की खबर का हवाला देते हुए कहा,‘‘ इसमें लिखा है कि मुख्यमंत्री (अखिलेश यादव) के आते ही बरसे रन। 12वें ओवर में मुख्यमंत्री का शॉट सीधे कप्तान आलोक रंजन के हाथों में जाकर चिपक गया। 

यह पहली बॉल पर ही कैच आउट हो गए , लेकिन वहां से कह दिया गया कि यह तो नो बॉल है और अगर ये एक छक्का मारते तो कहते कि छक्का मार दिया है न ।’’

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