न्यायालय अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम की कोर्ट ने आशनाई के चक्कर में साल 2010 में हुई एक युवक की हत्या के मामले में 3 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई है और साथ ही 25-25 हजार रुपए का दंड भी लगाया है।
चन्दौली। न्यायालय अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम की कोर्ट ने आशनाई के चक्कर में साल 2010 में हुई एक युवक की हत्या के मामले में 3 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और साथ ही 25-25 हजार रुपए का दंड भी लगाया है।
यह मामला है साल 2010 का। जनपद के सैयदराजा थाना क्षेत्र के दुधारी गांव निवासी ताड़क राजभर की हत्या कर दी गयी थी। इसमें साक्षी गुलाबी देवी ने बताया कि सकलडीहा थाना क्षेत्र के दो लड़के मेरे बेटे ताड़क को पूछते हुए घर आए। तब मैंने कहा कि ताड़क गांव में गया हुआ है, मैंने उन लोगों से पूछा तो एक ने अपना नाम जीतू राम और दूसरे ने शिव धनुष उर्फ अमन पांडे बताया। दोनों ने बताया कि उसे दीपक राजभर ने भेजा है और उसने ताड़क को बुलाया है। दीपक दुधारी चौराहे पर बैठा है। दीपक राजभर मेरे घर आता-जाता रहा है और मैं जब जाना कि उसके दोस्त है तो हमने दाना-पानी भी दिया और एक लड़के को भेजकर बेटे को बुलाया। फिर ताड़क आया और अमन व जीतू का नाम लेकर बुलाने लगा। ताड़क ने उसे बताया कि दीपक दुधारी चौराहे पर बैठा है, उससे मिलने के बाद चला आएगा और मेरा बेटा दोनों युवकों के साथ चला गया। जब ताड़क देर रात तक नहीं लौटा तो खोजबीन शुरू कर दी गई, तब पता चला है कि ताड़क का शव तेंदुहान के सिवान में मिला है। उसके शरीर पर चोट व घाव के निशान हैं। ताड़क की हत्या दीपक पुत्र रामराज राजभर निवासी नागेपुर, जीतू राजभर पुत्र सूबेदार राजभर खोर, शिवशक्ति उर्फ अमन पांडेय पुत्र हृदय नारायण निवासी कस्बा तीनों सकलडीहा थाना के निवासी ने की है।
इस मामले में रिपोर्ट सैयदराजा थाने में दर्ज कराई गई। पुलिस ने आईपीसी 302, 201 और आयुध अधिनियम में मुकदमा दर्ज करके तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी की और हत्या में प्रयुक्त समान भी बरामद किया।
ताड़क राजभर की हत्या आशनाई की वजह से हुई
दरअसल, सकलडीहा थाना क्षेत्र के चतुर्भुजपुर निवासी विजय राजभर की बेटी रीता की शादी साक्षी गुलाबी देवी के बेटे ताड़क से हुई थी। आरोपी दीपक राजभर सकलडीहा में कंप्यूटर सेंटर खोला हुआ था और वहां रीता कंप्यूटर सीखने के लिए जाती थी, दीपक ने उसे अपने प्यार-मोहब्बत के जाल में फंसा लिया था। वह रीता से शादी करना चाहता था। रीता को पाने के लिए उसने ताड़क की हत्या अपने साथियों के साथ मिलकर कर दिया ।
इस मुकदमे में सभी गवाहों के बयान-साक्ष्यों और जिरह के बाद कोर्ट ने पाया कि रीता के पति ताड़क की हत्या तीनों आरोपियों ने मिलकर की। न्यायालय अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम विनय कुमार सिंह तृतीय ने इस बहुचर्चित कांड में आरोपियों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और साथ ही 25-25 हजार का अर्थदंड भी लगाया। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मुकदमे की पैरवी व बहस संजय कुमार त्रिपाठी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ने किया।