गोंड आदिवासी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामजी सिंह गोंड ने कहा कि उ.प्र.में स्वतंत्र जनजाति आयोग का गठन होना चाहिए ताकि सम्पूर्ण समस्याओं का समाधान स्वतंत्र आयोग में हो सके।
👉गोंड आदिवासीसमाज की संयुक्त समन्वय बैठक में चार नवसृजित जनपदों में गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल कर शासनादेश जारी होने पर जताया आभार
By- Raghunath Prasad / चंदौली । सोमवार को गोंड आदिवासी समाज की संयुक्त समन्वय बैठक गोंड सभागार स्टेशन रोड धीना बाजार में आयोजित की गई । जिसमें चार नवसृजित जनपदों चन्दौली, भदोही, कुशीनगर और संतकबीरनगर में गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल कर शासनादेश जारी करने तथा जिलाधिकारी द्वारा समस्त तहसीलदारों को जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने हेतु लिखित निर्देशित करने पर उ.प्र.शासन एवं डीएम को धन्यवाद दिया गया,साथ ही तमाम महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामजी सिंह गोंड ने कहा कि उ.प्र.में स्वतंत्र जनजाति आयोग का गठन होना चाहिए ताकि उनके सम्पूर्ण समस्याओं का समाधान स्वतंत्र आयोग में हो सके। उन्होंने आगामी कुछ दिनों बाद ही जनपद चन्दौली में एक बड़े कार्यक्रम आयोजित करने हेतु आह्वान किया, जिसमें गोंड सगासमाज से तथा समाज हित में आवाज उठाने वाले कई सांसदों, राज्यपाल एवं कई केन्द्रीय मंत्रियों को जनपद में सम्मानित करने की रूपरेखा पर प्रकाश डाला।
वक्ताओं के अगली कड़ी में बैठक को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतवर्षिय गोंड महासभा (उ.प्र.) के प्रान्तीय उपाध्यक्ष बिजय सिंह धुर्वे ने कहा कि जनजातियों का आरक्षण जनसंख्या के आधार पर जनगणना कराकर 2%से बढ़ाकर 7.5% किया जाना चाहिए, गोंड जनजाति का जाति प्रमाण पत्र आवेदक द्वारा किसी भी दो साक्ष्य प्रस्तुत करने पर सुगमतापूर्वक जारी किया जाना चाहिए एवं आदिवासियों को सरकार द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाएं सुगमतापूर्वक पहुंचाने की गारंटी सुनिश्चित होनी चाहिए, ताकि वर्षों से पिछड़ेपन का शिकार रहे आदिवासी समाज को मुख्य धारा में शामिल किया जा सके|
इस तरह से तमाम महत्वपूर्ण बिंदुओं पर वक्ताओं ने अपने विचार रखे। बैठक में प्रमुख रूप से रामजी गोंड, राम उजागिर गोंड, बिजय सिंह धुर्वे, इ.छविले गोंड धुर्वे, कल्लू गोंड, महादेव गोंड, कमलेश गोंड, रामजन्म गोंड,रघुवर गोंड, रमाशंकर गोंड, राहुल गोंड, संजय गोंड कन्हैया लाल गोंड, महेन्द्र प्रताप गोडसे, लल्लन गोंड आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। संचालन काशीनाथ गोंड ने किया।