बेमौसम बारिश-ओला पड़ने से गेहूं की फ़सल बर्बाद खेतों में लेट गई पूरी फ़सल

बेमौसम बारिश-ओला पड़ने से गेहूं की फ़सल बर्बाद खेतों में लेट गई पूरी फ़सल

अचानक बेमौसम हुई बारिश और ओला वृष्टि से किसानों की खेत में खड़ी सरसों व गेहूं की फ़सल खेतों में पानी लग जाने से लोटकर बर्बाद हो जाने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीर खींच गयी। 

खेत में बारिश से बर्बाद गेहूं की फ़सल को निहारता किसान,फोटो - PNP
👉किसानों के माथे पर चिंता ने खींची लकीर ,सरकार से हुई फसल मुआवजा की मांग 
By-Diwakar Rai /धीना, चंदौली। जनपद सहित पूरे इलाके में रविवार की रात्रि अचानक बेमौसम हुई बारिश और ओला वृष्टि से किसानों की खेत में ख़डी सरसों व गेहूं की फ़सल खेतों में पानी लग जाने से लोटकर बर्बाद हो जाने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीर खींच गयी। 

सुबह होने पर किसान ओभर सीयर राजभर निवासी शीतलपूरा अपने खेत पर गये तो, देखा कि खेतों में पानी भर गया है।उसमें गेहूं की फ़सल जिसकी बाल में दाने लग गये थे पुरी तरह लोटकर बर्बाद गयी है। इसे देख वे सिर पर हाथ रखकर चिंतित हो गये | एक तक जो गेहूं की फ़सल रविवार को दिन में ख़डी थी रात्रि में तेज बेमौसम बारिस से सोमवार की सुबह खेत पर गये तो खेत में लोटी दिखी |


इसी तरह सरसों की फ़सल भी पक कर तैयार थी कुछ कटाई हो गयी थी, बोझ बांधकर खेत में मड़|ई हेतु पड़ी थी ,भीग गयी जिससे काफ़ी नुकसान की आशंका है। इसलिए है कि मौसम खुलने पर सूखने पर फली की चिटकने पर दाने बिखर कर खेत में झर जायेंगे | वहीं खलिहान में रखी चना, मटर, मसूर की फ़सल मड़ाई होनी थी भींग गयी | 

दिन-रात परिश्रम कर लागत लगाकर किसान यह आशा लगाये था कि अच्छी पैदावार होगी और उसे बेंचकर अपनी जरूरत की चींजे जो स्वप्न देखा था उस पर पानी फिर गया |चिंता यह किसानों को सता रही है कि जो लागत लगी वह निकलना दूर अगली खेती कैसे की जायेगी |और घर खर्च कैसे चलाया जायेगा। किसानों ने डीएम का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराकर मौके का सर्वे कराकर क्षति पूर्ति दिलाने की मांग की है |

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