होली बुराई पर अच्छाई के प्रतीक का त्योहार यह संदेश देता है कि बुराई कितनी भी ताकतवर क्यों न हो, अच्छाई के आगे उसे एक न एक दिन मिटना ही पड़ता है।
👉होली के दिन सबको गले लगाकर अबीर गुलाल से बांटे प्यार
चहनियां/चंदौली। होली बुराई पर अच्छाई के प्रतीक का त्योहार है। यह त्योहार यह संदेश देता है कि बुराई कितनी भी ताकतवर क्यों न हो, अच्छाई के आगे उसे एक न एक दिन मिटना ही पड़ता है। होली भारतीय समाज मे नफरत को भुलाकर प्रेम से सबको गले लगाने का भी त्योहार है। इसलिए होली के पर्व को आपसी प्यार, सौहार्द और भाईचारे से मनाएं।
सोमवार को यह बातें चंदौली जिले के मतदाता जागरूकता अभियान के ब्रांड अम्बेसडर और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चार बार राजकीय पुरस्कारों से पुरस्कृत राकेश यादव रौशन ने कहीं।श्री रौशन ने आगे कहा कि यह हमारे तीज त्योहार ही हैं जो भारतीय जनमानस को आपस में सहानुभूति पूर्वक जोड़े रहते हैं। अबीर गुलाल लगाकर बड़ों से आशीर्वाद लेने और छोटों को आशीष देने की परंपरा हमारे हिंदुस्तान में ही परिलक्षित होती है। होली के विविध रंग जीवन के विविध रूपों को दर्शाते हैं।
श्री रौशन ने कहा कि होली के दिन रंगों की जगह मोबिल, वार्निश, कीचड़ आदि के प्रयोग से होली की गरिमा को ठेस पहुंचती है। इससे न केवल आँखों को बल्कि त्वचा और बालों को भी खतरा पहुंचने की प्रबल संभावना होती है। आजकल होली के नाम पर फूहड़ द्विअर्थी गीतों की भरमार है, जो सपरिवार सुनने लायक नहीं होते।
इन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। होली के नाम पर फूहड़ता परोसना जनमानस के पवित्र वातावरण को दूषित करने जैसा है। साफ सुथरे होली गीत ही होली की मूल भावना को व्यक्त कर पाते हैं।