मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चंदौली दीपक कुमार मिश्र की अदालत ने डायग्नोस्टिक सेंटर के मालिक को 3 वर्ष का साधारण कारावास व 10 हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया है।
चन्दौली। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चंदौली दीपक कुमार मिश्र के द्वारा परिवाद संख्या 3174 / 2015 धारा- 23 गर्भधारण पूर्व व प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम 1994 के अपराध में 3 वर्ष का साधारण कारावास व 10000 रुपए के दंड से दंडित किया है।
अभियुक्त साहिब गिरी पुत्र चंद्रमा बिन्द निवासी बैराठ, पोस्ट रामगढ़ और थाना बलुआ के द्वारा अवैध रूप से डायग्नोस्टिक सेंटर का संचालन किया जा रहा था।
जनपदीय समुचित प्राधिकारी PCPNDT एक्ट 1994 के निदेश में गठित जांच टीम के द्वारा 26 मई 2015 को सुबह 9:00 बजे इस डायग्नोस्टिक सेंटर का औचक निरीक्षण किया गया। सेंटर से अल्ट्रासाउंड मशीन, स्कैनर था बुक पेड बरामद हुए थे।
अभियोजन की ओर से ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी के द्वारा प्रभावी पैरवी के परिणाम स्वरूप न्यायालय द्वारा अभियुक्त को 3 वर्ष का कारावास व ₹10 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।