नगर पंचायत कप्तानगंज से सभासद की निर्दल प्रत्याशी पूनम वर्मा की दुर्घटना में संदिग्ध मौत के मामले को जिला प्रशासन पर दबाने के आरोप लगा है।
बस्ती, पूर्वांचल । तीन दिन पूर्व शहर के मालवीय रोड स्थित अनंता हॉस्पिटल के सामने हुई नगर पंचायत कप्तानगंज से सभासद की निर्दल प्रत्याशी पूनम वर्मा की दुर्घटना में संदिग्ध मौत के मामले को जिला प्रशासन पर दबाने के आरोप लगा है।
पूर्वांचल राज्य जनांदोलन ने आज दुर्घटना स्थल पर धरना देते हुए मांग की कि चूँकि पूनम वर्मा निर्दल सभासद प्रत्याशी थीं और जैसा कि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि दुर्घटना पुलिस वैन से हुई है ,अतः यह जांच का विषय है कि पूनम वर्मा की मौत एक दुर्घटना है या सुनियोजित हत्या।
इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए, धरने का नेतृत्व करते हुए पीआरजे की नगर पालिका परिषद बस्ती की अध्यक्ष पद की प्रत्याशी शालू चौधरी राजपाल ने कहा कि हमारी मांग है कि पूनम वर्मा के परिवार को 50 लाख का मुआवजा दिया जाए, निकाय चुनाव के बस्ती जिले के समस्त निर्दल प्रत्याशियों को सुरक्षा दी जाए क्योंकि कहीं न कहीं ये निर्दलीयों की आवाज दबाने की साजिश लगती है और साथ ही पुलिस वैन के ड्राइवर को तत्काल गिरफ्तार किया जाए।
धरने के दौरान शालू चौधरी राजपाल का प्रशासन के खिलाफ गुस्सा साफ झलक रहा था, धरने को संज्ञान में लेते हुए पहले रौता चौकी इंचार्ज, फिर शहर कोतवाल शशांक शेखर राय आये लेकिन धरनारत पीआरजे कार्यकर्त्ता बात करने को तैयार नहीं हुए।
बाद में उप जिलाधिकारी शैलेश दूबे ने पहुँच कर बात करनी चाही लेकिन उनके शुरुआती तेवर देखकर आंदोलनकारी और भी भड़क गये तब कोतवाल शशांक शेखर राय ने निवेदन करते हुए आंदोलंकारियों को बात करने के लिए राजी किया, अंत में प्रशासन द्वारा मीडिया के सामने 24 घंटे के अंदर मांगों पर कार्यवाही करने के साथ अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को तत्काल निलंबित करने के भी आश्वासन पर धरना 24 घंटे के लिए स्थगित किया गया।
धरने पर बैठने वालों में कविश अबरोल, रमेश सिंह, आनंद राजपाल, शशि श्रीवास्तव, ज्योति सिंह, स्तुति सिंह, आनंद मणि त्रिपाठी, संदीप चतुर्वेदी, अनमोल अग्रहरी प्रमुख रहे।