कर्नाटक चुनाव में हार पर पदाधिकारियों की मायावती ने ली क्लास, कहा - सत्ता से ही शोषितों को दिलाया जा सकता है उनका हक

कर्नाटक चुनाव में हार पर पदाधिकारियों की मायावती ने ली क्लास, कहा - सत्ता से ही शोषितों को दिलाया जा सकता है उनका हक

मायावती ने पार्टी के वरिष्‍ठ एवं जिम्‍मेदार पदाधिकारियों  के साथ बैठक में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा की | 

कर्नाटक चुनाव में हार पर पदाधिकारियों की मायावती ने ली क्लास, कहा - सत्ता से ही शोषितों को दिलाया जा सकता है उनका हक
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को यहाँ पार्टी के वरिष्‍ठ एवं जिम्‍मेदार पदाधिकारियों  के साथ बैठक में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा के बाद कहा कि सत्ता से ही शोषितों को उनका हक दिलाया जा सकता है। 

मायावती ने कर्नाटक राज्‍य विधानसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन पर सख्‍त नाराजगी जाहिर करते हुए पार्टी के जिम्‍मेदार पदाधिकारियों से कहा कि सभी राज्यों में पार्टी की तैयारी ऐसी होनी चाहिए कि चुनाव में माहौल चाहे किसी भी पार्टी के पक्ष में हो मगर बसपा की स्थिति अच्छी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरफ खास ध्यान दिया जाए । 

पार्टी द्वारा यहां जारी एक बयान के मुताबिक मायावती ने इस बैठक के दौरान कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी स्‍तर से रह गयी कमियों की तरफ ध्यान दिलाते हुए पदाधिकारियों से कैडर के आधार पर पार्टी के जनाधार को बढ़ाये जाने की हिदायत दी। 

बता दें कि हाल में सम्‍पन्‍न कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बसपा ने कुल 133 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे लेकिन एक भी सीट नहीं मिल सकी। साल  2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा एक सीट जीती थी। 

मायावती ने बैठक में पदाधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को यह समझाना होगा कि बसपा के हाथ में सत्‍ता आने पर ही बाबा साहब डाक्‍टर भीमराव आंबेडकर के सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय के मिशन के अनुरूप शोषित और वंचित समाज को खुद को पैरों पर खड़ा किया जा सकता है। 

बसपा मुखिया ने खासकर दलित व मुस्लिम समाज को सत्ता में अपनी उचित भागीदारी और अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर अब काफी सजग व सतर्क रहने पर जोर देने को कहा, क्योंकि कर्नाटक में इन वर्गों के लोगों ने भी एकजुट होकर कांग्रेस को वोट देकर जिताया, मगर सरकार बनते समय इन वर्गों की उपेक्षा कर दी गई।

 उन्‍होंने कहा, ‘‘इससे हमें सबक मिलता है कि कर्नाटक ही नहीं, बल्कि पूरे देश में इन वर्ग के लोगों को इसकी कड़वी सच्चाई को समझ कर आगे के मिशन में जुटना होगा।’’

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