आज विश्व तम्बाकू दिवस है। आकड़े बताते हैं कि देश के भीतर तंबाकू के सेवन से हर साल 13 लाख लोग अपनी जान गंवाते हैं। हालांकि, हाल के दिनों में तंबाकू के सेवन में कमी आई है।
नई दिल्ली। प्रत्येक साल के मई महीने के आखिरी दिन 31 मई को पूरे देश भर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। बीते दिनों की अपेक्षा तंबाकू के सेवन में कमी आई है।
इस साल यह तारीख काफी खास हो गयी है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तंबाकू मुक्त युवा 'थीम' के आधार पर 31 मई को 60 दिनों का एक अखिल भारतीय अभियान भी शुरू करने जा रहा है। इस अभियान में युवकों में तंबाकू के सेवन की रोकथाम के साथ ही इसकी लत छोड़ने में सहयोग करने के लिए कई बड़े और उचित कदम उठाने पर जोर दिया जाने वाला है।
बताते हैं कि वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण (GYTS) के मुताबिक 2019 में किशोरों (13-15 वर्ष) के बीच तंबाकू के सेवन की दर 8.5 फीसदी थी और इससे पहले के सर्वे (2010) में वह आकड़ा 14.6 फीसदी था। जो यह दर्शाता है कि तंबाकू के सेवन में पहले की अपेक्षा कमी आई है, बावजूद आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में अभी भी किशोरों और वयस्कों के बीच इसकी दर अधिक है। ऐसे में यह जरुरी हो जाता हैं कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस के बारे में विस्तृत प्रकाश डाला जाए।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास की चर्चा
तंबाकू के सेवन की वजह से दुनियाभर में हर साल लाखों लोगों की जान चली जाती है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 1987 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने की घोषण की थी। हालांकि, विश्व तंबाकू निषेध दिवस पहली बार 7 अप्रैल को मनाया गया था, लेकिन, इसके बाद 1988 से हर साल 31 मई को मनाने का प्रस्ताव पास हो गया । फिर विश्व तंबाकू निषेध हर साल दिवस 31 मई को मनाया जाने लगा।
क्या है हर साल मरने वालों का आकड़ा ?
ग्लोबल बर्डेन ऑफ डिजिज स्टडी के एक अनुमान के मुताबिक, साल 2019 में भारत में धूम्रपान और अन्य व्यक्तियों द्वारा धूम्रपान किए जाने के दौरान उसके धुएं से 12 लाख मौतें हुईं। हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने अनुमान लगाया, सिर्फ भारत में तंबाकू के इस्तेमाल से प्रति साल 13.5 लाख लोग अपनी जान गावं देते हैं।
इस बार विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम ?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम की घोसना का पहले सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक पत्र लिखा। इस पत्र में इस बार की थीम क्या है? इसका भी जिक्र हुआ है। इस साल के विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम है जो ' हमें भोजन की जरूरत है, तंबाकू की नहीं' है। पिछले साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2022 की थीम 'पर्यावरण की रक्षा' था।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव वी हेकाली झिमोमी द्वारा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, (कोप्टा) 2003 के प्रावधानों को लागू करने के लिए विशेष अभियान चलाने की अपील की गयी है।
जानें - विश्व तंबाकू निषेध दिवस की जरूरी
बातें
1 - भारत तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता एवं उत्पादक देश बन गया है।
2-विश्व स्तर पर तंबाकू के सेवन की वजह से हर साल करीब 80 लाख अपनी जान गवां देते हैं।
3-भारत सरकार ने साल 2007 में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP) की शुरुआत किया । जिसका उद्देश्य जागरूकता , तंबाकू उत्पादों के उत्पादन और आपूर्ति को कम करना, कोप्टा के प्रावधानों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करना आदि रहा है।
4-विश्वभर में धूम्रपान करने वाली महिलाओं की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। हालांकि, यही कारन है की महिलाओं को गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर और हृदय संबंधी जोखिम उठाना पड़ रहा है।