खुलने लगी चंदौली के बदहाली की कहानी : मनोज सिंह डब्लू का बड़ा धमाका, महेवा में प्रस्तावित ट्रामा सेंटर महज एक धोखा

खुलने लगी चंदौली के बदहाली की कहानी : मनोज सिंह डब्लू का बड़ा धमाका, महेवा में प्रस्तावित ट्रामा सेंटर महज एक धोखा

नौ साल चंदौली बदहाल अभियान के चौथे दिन सपा नेता मनोज सिंह डब्लू जनपद के महेवा में प्रस्तावित ट्रामा सेंटर स्थल का जायजा लिया |


चंदौली | नौ साल चंदौली बदहाल अभियान के चौथे दिन सपा के दिग्गज नेता मनोज सिंह डब्लू शनिवार को जनपद के महेवा में प्रस्तावित ट्रामा सेंटर चंदौली स्थल का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर भाजपा व उसके जनप्रतिनिधियों पर निशाना साधा।

 कहा - दिसंबर 2018 में ट्रामा सेंटर के शिलान्यास के लिए करोड़ों का मंच सजा, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद यहां एक ईंट तक नहीं रखी गई और पूरे पांच साल खत्म हो गया। 

2024 में फिर से चुनाव है, लिहाजा एक बार फिर ट्रामा सेंटर चंदौली के जिन्न को बोतल से बाहर निकाला गया है। प्रेसवार्ता के जरिए जानकारी दी गई कि 14.5 करोड़ की लागत से ट्रामा सेंटर बनेगा, लेकिन वास्तव में यहां कोई ट्रामा सेंटर नहीं बनने वाला है। यह सब कुछ एक बार फिर जनता को छलने व ठगने का षड्यंत्र मात्र है, जिसे जनता को समझने की जरूरत है।

वही इस दौरान सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने बताया कि 2018 में ट्रामा सेंटर चंदौली के निर्माण की बात जोर-शोर से भाजपाइयों ने उठाई और महेवा में करोड़ों का मंच सजा था और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की उपस्थिति में सांसद व विधायकों ने मंच से खूब लच्छेदार भाषण दिए थे ,लेकिन पांच साल के लम्बे कार्यकाल में उनकी एक भी बात पूरी नहीं हो पायी ।

 स्थिति यह है कि जिस ट्रामा सेंटर को जून 2020 में बनकर तैयार हो जाना चाहिए इन नेताओं की लापरवाही, उदासीनता के कारण आज तक ट्रामा सेंटर की बाउंड्री का निर्माण का  काम भी पूरा नहीं हो पाया है। 

पहले छह बेड जनरल और चार बेड सर्जिकल वाले ट्रॉमा सेंटर की लागत 312.95 लाख रखी गई। लेकिन, शिलान्यास के दौरान तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इसकी लागत बढ़ाकर दस करोड़ कर दिया। इसमें सौ बेड जनरल और 30 बेड आईसीयू के साथ इमरजेंसी, एक्स रे, सीटी स्कैन, अल्ट्रासांउड आदि की व्यवस्था की जानी थी।

18 महीने में जून 2020 तक कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस को इसका काम पूरा करना था, लेकिन अभी तक बाउंड्री का काम भी अधूरा है। कहा कि एक बार फिर 2024 में लोकसभा चुनाव आया नजदीक तब  बीजेपी के नेताओं को ट्रामा सेंटर की याद आयी है, जो पूरे पांच सालों तक कुंभकर्णी नींद में सोते रहे। 

हालांकि ट्रामा सेंटर का निर्माण इनकी मंशा में है ही नहीं, यदि होती तो आज शिलापट्ट की जगह ट्रामा सेंटर की बुलंद इमारत खड़ी होती। अंत में उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि झूठ, फरेब व छलावा करने वाले ऐसे जनप्रतिनिधियों से सतर्क रहें और चुनाव के वक्त उन्हें करारा जवाब दें। 

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