हम वृक्षों को लगाने और उसे बचाए रखने के प्रति गंभीर नहीं हैं, यह चिंतनीय विषय है। ये बातें वृक्ष बंधु डॉ परशुराम सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।
इलिया,चन्दौली। हम वृक्षों को लगाने और उसे बचाए रखने के प्रति गंभीर नहीं हैं, यह चिंतनीय विषय है। ये बातें वृक्ष बंधु डॉ परशुराम सिंह ने आज शुक्रवार को सैदूपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि आज धरती का जलस्तर तेजी से नीचे खिसक ताजा रहा है। बेतहाशा गर्मी बढ़ती जा रही है पर्यावरण प्रदूषण दिन पर दिन चुनौती बनती जा रही है फिर भी वृक्षों को लगाने के प्रति लोग गंभीर नहीं हो रहे हैं। जबकि इन सारी समस्याओं का निराकरण वृक्ष में ही संभव है। वृक्ष है तो वन है, वन है तो जल है और जल है तभी जीवन है।
श्री सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में 1 से 7 जुलाई तक सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमें सभी लोगों की सहभागिता जरूरी है। देश और प्रदेश के नागरिकों का कर्तव्य है कि वह अपने हाथों से अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर धरती को हरा-भरा बनाए रखने के साथ ही मानव जीवन की रक्षा के प्रति संकल्पित हो।
कहा कि सरकार प्रतिवर्ष करोड़ों वृक्षों के लगाने का लक्ष्य निर्धारित करती है जिसके लिए ग्राम सभाओं में पर्याप्त मात्रा में पौध भी भेजे जाते हैं,लेकिन गांव में निर्वाचित प्रधान वृक्ष लगाने की सिर्फ कागजी कार्रवाई पूरी करते हैं। वहीं मनरेगा का पैसा पूरी तरह से बर्बाद किया जाता है ना तो उसका सही उपयोग होता है ना तो गांव के विकास का कार्य धरातल पर कही दिखता है।
ऐसे हालात में हम सभी ग्रामवासियों, देशवासियों का कर्तव्य है कि अपने जीवन की रक्षा एवं सुरक्षा करने की प्रति खुद आगे आए और अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर उसे सुरक्षित एवं संरक्षित करने का संकल्प लें। और मानव जीवन की सार्थकता को साबित करके दिखाएं।