गरीबी को लेकर नीति आयोग की रिपोर्ट में यूपी में पूर्वांचल टॉप थ्री के शीर्ष पर, विकास को पृथक राज्य जरूरी

गरीबी को लेकर नीति आयोग की रिपोर्ट में यूपी में पूर्वांचल टॉप थ्री के शीर्ष पर, विकास को पृथक राज्य जरूरी

यूपी में सबसे अधिक गरीबी को लेकर नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट में पूर्वांचल के टॉप थ्री जिले प्रदेश में शीर्ष पर हैं। बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर में औसतन आधी आबादी आज भी गरीबी में गुजर बसर कर रही है। 


गरीबी को लेकर नीति आयोग की रिपोर्ट में यूपी में पूर्वांचल टॉप थ्री के शीर्ष पर, विकास को पृथक राज्य जरूरी


🔷पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष हरवंश पटेल पूर्वांचली बोले - विकास के लिए पृथक राज्य बनाया जाना जरूरी है|  इसके पहले भी आई रिपोर्ट में पूर्वांचल यूपी में टॉप टेन में रहा 

लखनऊ | यूपी में सबसे अधिक गरीबी को लेकर नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट में पूर्वांचल के टॉप थ्री जिले प्रदेश में शीर्ष पर हैं। बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर में औसतन आधी आबादी आज भी गरीबी में गुजर बसर कर रही है। पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष हरवंश पटेल पूर्वांचली ने कहा है कि ऐसे में विकास के लिए पृथक राज्य बनाया जाना जरूरी हो गया है|  इसके पहले भी आई रिपोर्ट में पूर्वांचल यूपी में टॉप टेन में रहा | 

दूसरी तरफ अमीरों की श्रेणी में शीर्ष पर गाजियाबाद है। दूसरे नंबर लखनऊ और तीसरे नंबर पर कानपुर ने कब्जा जमाया है।केंद्र व राज्य की सत्ता में बैठी सरकारों के विकास के लाख दावे के बाद भी आज भी उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल सबसे पिछड़ा हुआ है. एक रिपोर्ट के मुताबिक बहराइच, श्रावस्ती व बलरामपुर आज भी गरीबी की श्रेणी में सबसे ऊपर अंकित हैं।

 हालांकि, सात साल पहले की तुलना में इनकी स्थिति में मामूली सुधार हुआ है। इससे साबित हो गया है कि पूर्वांचल सुस्त गति से विकास कर रहा है | इसकी वजह वोट की राजनीति के चलते पूर्वांचल की अनदेखी और उसे पृथक राज्य का दर्जा न देना है|  के आकड़े के मुताबिक साल 2015-16 में बहराइच में 72, श्रावस्ती में 74 और बलरामपुर में 70 फीसदी आबादी गरीब थी। पर आज आठ साल बाद भी महज मामूली ही दूर हो पाई जो मौजूदा में क्रमश: 55, 50 और 42 फीसदी आबादी गरीब रह गई है।

गाजियाबाद का गाजीपुर से तुलना पूर्वांचल के भविष्य और वर्तमान के विकास के साथ खिलवाड़ 


यूपी में सबसे अमीर जनपद गाजियाबाद हैं यहां गरीबों की संख्या सबसे कम 7 फीसदी है। इसके बाद दूसरा लखनऊ व तीसरा कानपुर में क्रमश: 9-9 फीसदी गरीब आबादी है। अमीरी में चौथे नंबर पर गौतमबुद्धनगर व पांचवें पर हापुड़ जिला है। तलब साफ है पूरे प्रदेश सबसे अधिक अमीरी पश्चिम है और फिर आता है मध्य और इसके सबसे पीछे पूर्वांचल का नंबर।रिपोर्ट के मुताबिक गांवों में पहले 44 फीसदी लोग गरीब थे। अब ये घटकर 26 फीसदी रह गए हैं। कभी शहरों में पहले 17 फीसदी लोग गरीब थे, जो अब घटकर 11 फीसदी रह गए हैं।सबमें मामूली सुधार हुआ ,लेकिन पूर्वांचल पिछड़ता गया |  




ये है नीति आयोग के रिपोर्ट 


गरीबी में शीर्ष 10 जिले (आंकड़े प्रतिशत में)
जिला -- वर्ष 2016 -- 2021

बहराइच -- 72 -- 55
श्रावस्ती -- 74 -- 50
बलरामपुर -- 70 -- 42
बंदायू -- 57 --  40
सीतापुर -- 57 -- 40
सिद्धार्थनगर -- 57 -- 37
संभल -  -  -- 35
खीरी -- 60 -- 35
हरदोई -- 51 -- 34
बांदा -- 40 --  34

सबसे कम गरीबी वाले शीर्ष 10 जिले (प्रतिशत में)
जिला वर्ष -- 2016 -- 2021

गाजियाबाद -- 17 -- 7
लखनऊ -- 12  -- 9
कानपुर नगर -- 14 -- 9
गौतम बुद्ध नगर -- 15  -- 12
हापुड़ --  -   -- 13
मुजफ्फरनगर -- 30  -- 13
मेरठ  -- 21 -- 13
मऊ -- 33 -- 13
बागपत -- 14  --  21
झांसी -- 20 -- 15

हर क्षेत्र में सुधार की गति धीमी 


सुविधा -- पहले -- अब
पेयजल -- 3.66 -- 2.06
बिजली -- 27.43 -- 9.16
संपत्ति -- 12.44 -- 7.80
बैंक खाते --  4.87 -- 2.96 (आंकड़े फीसदी में)


नीति आयोग की नजरों में बुनियादी जरूरतों में भी पूर्वांचल सबसे पीछे 

नीति आयोग कहती है कि गरीबी के लिए जिलों को मुख्य रूप से तीन मानकों स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर के आधार पर परखा गया। सच्चाई यह है कि नीति आयोग की नजरों में बुनियादी जरूरतों में भी पूर्वांचल सबसे पीछे है| जांच परख में सफाई, शौचालय, आवास, पीने का पानी, बिजली, संपत्ति, बैंक खातों , पोषण, जन्म व मृत्यु दर, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, बच्चों के स्कूल जाने की उम्र, स्कूल में उपस्थिति, ईंधन, एलपीजी,को आधार बनाया गयाहै ।


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