3 अगस्त 2023 का पंचांग: आज श्रावण मास की द्वितीया तिथि, धनिष्ठा नक्षत्र, सौभाग्य योग, तैतिल करण और गुरुवार है। आज दिन भर पंचक है। मध्य रात्रि 02:28 बजे भद्रा शुरू होगी। आज सुबह 10:17 बजे सौभाग्य योग खत्म हो जाएगा, फिर शोभन योग शुरू हो जाएगा। ये दोनों ही अच्छे हैं, आप कुछ भी कर सकते हैं।
आज के पंचांग से आप शुभ मुहूर्त, अशुभ समय, भद्रा, सूर्योदय, चंद्रोदय, पंचक, राहुकाल, दिशाशूल आदि की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
'माँ दुर्गा ज्योतिषीय संस्थान' के ज्योतिषचार्य पंडित धर्मेंद्र दीक्षित से जानें विस्तृत पंचांग :-
आज का पंचांग - 3 अगस्त 2023
आज की श्रावण-(अधिक) द्वितीया
आज का नक्षत्र- धनिष्ठा
आज करण- तैतिल
आज का पक्ष-कृष्णा
आज का योग- भाग्यशाली
वार- गुरुवार
सूर्योदय से सूर्यास्त तक और चन्द्रोदय से चन्द्रास्त तक का समय
सूर्योदय -06:00 बजे
सूर्योदय- 07:20:00
चन्द्रोदय -20:44:00
चन्द्रास्त-7:10:00
चंद्र राशि -कुंभ
हिंदू मास और वर्ष
विक्रमी संवत् -2080
शक सम्वत -1944
शक सम्वत-1945 सोभाकृत
दैनिक समय-13:27:44
श्रावण मास का अमांत (अधिक)
मास पूर्णिमा— श्रावण (ज्यादा)
शुभ समय- 12:00:10 बजे से 12:54:01 बजे
अशुभ समय
दुष्टमुहूर्त 10:12:28 से 11:06:19 तक और 15:35:34 से 16:29:25 तक चलता
कुलिक समय: 10:12:28 से 11:06:19
कंटक: 15:35:34–16:19:25
सूर्योदय: 14:24 से 16:02
कालवेला/अर्द्धयाम: 17:23:16 to 18:17:07
यम घंटे: 06:37:04 से 07:30:55
यमगण्ड 05:43:13 से 07:24:11 तक
गुलिक काल 09:28 से 11:06 तक
पंचक—दिनभर
भद्रा- कल दोपहर दो बजे से चार बजे तक
आज का दिशाशूल -दक्षिण
आज का मंत्र (Mantra in Hindi)
मंत्र : 'ॐ ग्रां ग्रीम ग्रां सः गुरुवे नमः ' विष्णु चालीसा ' का पाठ करें | मन्त्र का 108 बार जाप करें |
आज का शुभ रंग : पीला
आज के पूज्य देव : विष्णु भगवान की पूजा
आज का व्रत : गुरु प्रदोष व्रत,आषाढ़ संक्रांति
कुछ उपाय - आज के दिन विष्णु भगवान की पूजा व शाम के घी का दीपक जलाएं। गुरु ग्रह का बीज मंत्र की जाप लाभदायक होगा |
गुप्त मनोकामना की पूर्ति के टोटके - एक चांदी के लोटे या किसी भी चांदी के बर्तन में जल लेकर उसे पूजा स्थान में रखें और सफेद चंदन की माला से 'ऊं सों सोमाय नम:' मंत्र की 11 माला जाप करें। इस जल को पी लें। ऐसा लगातार 11 सोमवार करने से चंद्र ठीक हो जाएगा|
विशेष उपाय:
🔷आज गुरुवार है, इसलिए हम श्रीहरि विष्णु की पूजा करेंगे। उनकी कृपा दुःख और पीड़ा को दूर करती है।
🔷विष्णु पूजा में उसे गुड़, चने की दाल, पंचामृत और तुलसी के पत्तों का भोग लगाया जाता है। विष्णु पूजा में पीले रंग के वस्त्र, पीले फूल और हल्दी का उपयोग शुभ माना जाता है।
🔷आज लोग केले के पौधे को पूजते हैं क्योंकि इसमें भगवान विष्णु का निवास है।
🔷पति-पत्नी मिलकर विष्णु तथा माता लक्ष्मी की पूजा करें, जिनके दांपत्य जीवन में सुख नहीं है, तालमेल नहीं है या कोई समस्या है।
🔷गुरुवार का व्रत रखने और देव गुरु बृहस्पति की पूजा करने से कुंडली का गुरु दोष दूर होता है।
🔷आज गुरु का बीज मंत्र जाप करें। अपने गुरु को पैर छूकर आशीर्वाद और प्रणाम करें। गुरु ग्रह भी इससे अधिक मजबूत है।
🔷आज भी गीता, रामचरितमानस, विष्णु चालीसा आदि का दान करना फायदेमंद है।
🔷किसी गरीब ब्राह्मण को हल्दी, पीले कपड़े, घी, पीतल के बर्तन, धार्मिक पुस्तक या कुछ भी देने से गुरु दोष नहीं लगता।
( इस रिपोर्ट में फेमस व चर्चित किताबों के अध्ययन व प्रकांड ज्योतिषीय विद्वानों से बातचीत पर आधारित है। यह जानकारी / गणना / सामग्री या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। लेख किसी तरह के दावा का समर्थन नहीं करता है, यह मात्र एक साधारण जानकारी है, जो आप तक पहुंचाई गई है) |