विधानसभा कार्यवाही: सदन में योगी सरकार की दो टूक, यूपी में नहीं होगी जातीय जनगणना, सपा ने मचाया हंगामा

विधानसभा कार्यवाही: सदन में योगी सरकार की दो टूक, यूपी में नहीं होगी जातीय जनगणना, सपा ने मचाया हंगामा

विधान परिषद में जातीय जनगणना पर चर्चा कराने की मांग को लेकर सपाइयों ने जमकर हंगामा किया | केशव प्रसाद मौर्यसदन के नेता, ने स्पष्ट रूप से कहा कि जातीय जनगणना कराना राज्य का नहीं, बल्कि केंद्र का कार्य होता है |

विधानसभा कार्यवाही: सदन में योगी सरकार की दो टूक, यूपी  में नहीं होगी जातीय जनगणना, सपा ने मचाया हंगामा


लखनऊ | सरकार ने विधानसभा में स्पष्ट किया कि राज्य में जातीय जनगणना की कोई योजना नहीं है। जातीय जनगणना को बृहस्पतिवार को विधानसभा में सपा विधायक संग्राम सिंह यादव ने तारांकित प्रश्न के माध्यम से उठाया।



सदन में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई क्योंकि प्रश्नकाल स्थगित हो गया था। लेकिन प्रश्न के लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जातीय जनगणना नहीं होगी। भारत सरकार जनगणना करती है।

विधान परिषद में सपाइयों का हंगामा जातीय जनगणना पर चर्चा की मांग को लेकर


विधान परिषद में जातीय जनगणना पर चर्चा कराने की मांग को लेकर सपाइयों ने जमकर हंगामा किया। केशव प्रसाद मौर्य, सदन के नेता, ने स्पष्ट रूप से कहा कि जातीय जनगणना कराना राज्य का नहीं, बल्कि केंद्र का कार्य है। उन्होंने टिप्पणी की कि सपाई चार बार शासन करते हुए कुंभकर्णी नींद सोते रहे। सत्ता से अलग होकर दिन में तारे देखने पर जातीय जनगणना की याद आती थी।

सपा के सदस्य नरेश चंद्र उत्तम, स्वामी प्रसाद मौर्य, लाल बिहारी यादव, आशुतोष सिन्हा, डा.
मो. जासमीर अंसारी, मानसिंह यादव, शहनवाज खान और मुकुल यादव ने नियम 105 के तहत जानकारी दी थी। स्वामी प्रसाद मौर्य, नरेश चंद्र उत्तम और शाहनवाज खान ने इस पर चर्चा कराने की बहुत मांग की। उसने कहा कि 1865 और 1872 में जातीय जनगणना की गई थी।


विधानसभा कार्यवाही: सदन में योगी सरकार की दो टूक, यूपी  में नहीं होगी जातीय जनगणना, सपा ने मचाया हंगामा

साल 1881, 1891, 1901, 1911, 1921, 1931 और 1941 में भी जातिवार गणना हुई। 2011 में भी सपा की मांग पर जातीय जनगणना हुई, लेकिन भाजपा सरकार ने आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए। हैरत की बात यह है कि जनगणना फार्म में एससी का उल्लेख है, लेकिन ओबीसी का नहीं। सदन की कार्यवाही को रोककर इस मुद्दे पर बहस करने की मांग की। कहा कि सपा को सभी जातियों की गणना करने से कोई गुरेज नहीं है, न सिर्फ ओबीसी।

इस पर सदन के नेता केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह सत्ता से हटने की इच्छा है। इनकी जातीय जनगणना से कोई संबंध नहीं है। यह जान लें कि 2047 तक वे वापस नहीं आएंगे। यह सिर्फ 2024 का लक्ष्य है। भाजपा सबका विकास चाहती है, जबकि सपाईयों ने कुछ का साथ कुछ किया। इस पर सपाइयों ने चिल्लाकर वेल में बैठ गए। सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने बताया कि सपाई नहीं माने तो सदन 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया था।


पंक्ति में अधिकारियों को आगे, विधायकों को पीछे बैठाकर जांच की जाएगी


शिष्टाचार और प्रोटोकॉल का मुद्दा बृहस्पतिवार को विधान परिषद में उठाया गया था। MLc ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने नियम 223 का उपयोग करके विशेषाधिकार हनन की शिकायत की। कहा कि जिला प्रशासन ने लखनऊ में काकोरी शहीद स्मारक में एक कार्यक्रम में सीटिंग व्यवस्था के नियमों को तोड़ डाला। विधानमंडल सदस्यों को दूसरी और तीसरी पंक्ति में बैठाकर अपमानित किया. अधिकारियों को पहली पंक्ति में बैठाया गया था। केशव प्रसाद मौर्य, सदन के नेता, ने कहा कि पूरे मामले की जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने बताया कि मेरी माटी मेरा देश अभियान का कोरी ट्रेन एक्शन वर्षगांठ पर 9 अगस्त को कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। यहां प्रोटोकॉल संबंधी शासनादेश की धज्जियां उड़ाई गईं, जबकि मंडलायुक्त लखनऊ, मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव पर्यटन को पहली पंक्ति दी गई। यह विशेषाधिकार की अवहेलना का एक स्पष्ट उदाहरण है।

इसमें संबंधित उत्तरदायित्व अधिकारी को सदन में बुलाकर विशेषाधिकार हनन करने का दोषी मानें। देवेंद्र प्रताप सिंह, उमेश द्विवेदी, अशोक कटारिया, लाल बिहारी यादव और आशीष पटेल ने इसका समर्थन किया। इस पर नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि विधान मंडल सदस्य का प्रोटोकॉल चीफ सेक्रेटरी से भी अधिक है। पूरे मामले की जांच करके दोषियों को दंडित किया जाएगा। सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कहा कि सदन इस कार्रवाई से अवगत होगा।

सदन में गुलदार के आतंक का मुद्दा उठाया गया

बृहस्पतिवार को विधान परिषद ने विभिन्न जिलों में तेंदुए के आतंक का मुद्दा उठाया। सपा विधायक नरेश चंद्र उत्तम ने कहा कि बिजनौर, बहराइच, लखमीपुर खीरी समेत कई जिलों में तेंदुए ने आतंक फैला रखा है, नियम 115 के तहत। 13 लोग मर गए हैं। बहुत से लोग घायल हैं। किसान खेतों में काम नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि विद्यार्थी स्कूल नहीं जा पा रहे हैं।

इस पर सख्त कार्रवाई की जाए। सतपाल सिंह सैनी ने इस नियम का पालन करते हुए मुरादाबाद जिले के बिलारी में एक कृषि मंडी बनाने की मांग की। कहा कि 400 बीघा कृषि विभाग की जमीन मंडी को दी जाएगी। सलिल विश्नोई ने सीवर लाइन को पनकी में बिछाने की मांग की। सभापति ने सभी को आवश्यक कार्रवाई के लिए शासन को बताया।

आंगनबाड़ी सहायिकाओं और कार्यकर्ताओं का वेतन अभी नहीं बढ़ेगा।

सरकार अभी भी आंगनबाड़ी सहायिकाओं और कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाना नहीं चाहती। विधान परिषद में पुष्टाहार विकास मंत्री बेबीरानी मौर्य ने एक सवाल का जवाब देते हुए यह कहा। उनका मानदेय एक साल पहले बढ़ाया गया था, उन्होंने कहा। यह प्रश्न सदस्य भीमराव अंबेडकर ने उठाया था। उन्नाव के राज बहादुर चंदेल के सवाल पर पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने भी जवाब दिया। बताया कि उन्नाव में चार अतिरिक्त केंद्र खोले जा रहे हैं। अभी भी 1260 गोवंश को बचाना शेष है।


🔷सबसे विश्वसनीय पूर्वांचल का हिंदी न्यूज़ वेबसाइट पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट | For more related stories, follow: News in Hindi -👉 Facebook 👉Twitter  👉 Instagram 👉 Teligram.👉Google News. पोर्टल की सदस्यता ग्रहण करने के लिए Membership Plan देखें.