लखनऊ के निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशक के शिविर कार्यालय में बीएड करने वाले अभ्यर्थियों ने जोरदार प्रदर्शन किया।
लखनऊ | आज गुरुवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशक के शिविर कार्यालय में बीएड करने वाले अभ्यर्थियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों ने सरकार से पीआरटी में शामिल करने के लिए एक अधिनियम बनाने की मांग की। सैकड़ों बीएड अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के दौरान एससीईआरटी में भारी पुलिस बल भी तैनात रहा।
परीक्षार्थियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 13 से 17 लाख बीएड विद्यार्थी हैं। जिन्होंने सिर्फ पीआरटी (प्राथमिक शिक्षक भर्ती) में बीएड किया है वहीं, उन्हें अचानक पीआरटी के लिए अयोग्य घोषित किया गया है। इसलिए अभ्यर्थियों ने सरकार से न्यायालय के फैसले के खिलाफ एक अधिनियम बनाने की मांग की।
बीएड अभ्यर्थियों ने बताया कि 2018 में सरकार ने पीआरटी में बीएड को शामिल करने का गजट जारी किया था। जिससे अन्य पाठ्यक्रमों में पढ़ रहे विद्यार्थियों ने बीएड करके टीईटी और सीटेट पास किया। लेकिन 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने एनसीटी का अध्यादेश रद्द करके हमें अन्याय किया है।
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अभ्यर्थियों ने यूपी सरकार से मांग की कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ ठोस कार्रवाई करें और बीएड अभ्यर्थियों को पीआरटी में शामिल करें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बीएड को पीआरटी में शामिल करने के लिए अध्यादेश लाया, ठीक उसी तरह से जैसे सरकार ने ट्रांसफर पोस्टिंग मामले और मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदल दिया।