चार सदस्यीय जस्टिस जी रोहिणी आयोग ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के उपवर्गीकरण की रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को सौंप दी है|
इस आयोग की रिपोर्ट इस साल पांच महत्वपूर्ण राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले जारी की जाएगी। पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिश पर 2 अक्तूबर 2017 को आयोग बनाया गया। रिपोर्ट सौंपने में आयोग को लगभग छह वर्ष लगे। इस दौरान, आयोग की अवधि 14 बार बढ़ाई गई।
आयोग ने ओबीसी के 27% आरक्षण से सभी जातियों को लाभ पहुंचाने के लिए तीन या चार श्रेणियां बनाने की सिफारिश की है, हालांकि रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। उसने अपने अध्ययन में पाया कि बीते तीन दशक में ओबीसी में शामिल 2363 जातियों में से करीब एक हजार जातियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिला है। महज 48 जातियां आरक्षण का 50% लाभ उठाई हैं। महज 554 जातियों ने कुल आरक्षण के 70% का लाभ उठाया है।
रिपोर्ट के प्रमुख मुद्दे
- 14 बार कार्यकाल बढ़ाया गया और छह साल का समय लिया गया
- ओबीसी आरक्षण को तीन या चार श्रेणियों में विभाजित करने का प्रस्ताव
- रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद मोदी सरकार पर नज़र है
- रिपोर्ट लागू होने पर पिछड़ों में पहले होंगे
- महज 48 जातियों ने आरक्षण का 50% लाभ लिया है।
- तीस साल में एक बार भी एक हजार जातियों को मौका नहीं मिला
- तीन या चार श्रेणियों का निर्माण करने का सुझाव
आयोग ने न्यायसंगत आरक्षण बंटवारे के लिए तीन या चार श्रेणियों का प्रस्ताव दिया है। पहले सुझाव में तीन श्रेणियां बनाने की सिफारिश की गई थी, जिसमें एक हजार जातियों को दस प्रतिशत आरक्षण देने की सिफारिश की गई थी, जो अब तक आरक्षण का लाभ नहीं लिया है। दूसरे सुझाव में दस, नौ, छह और दो प्रतिशत आरक्षण कम लाभ वाली जातियों को देने का सुझाव दिया गया है।
2015 में पिछड़ा वर्ग आयोग ने सिफारिश की थी
2015 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने OBC Reservation का समान लाभ देने की सिफारिश की थी। तब अध्ययन ने ओबीसी जातियों को बहुत पिछड़ा, बहुत पिछड़ा और बहुत पिछड़ा वर्गों में बांटने की सिफारिश की।
मोदी सरकार पर अब सबका ध्यान
रिपोर्ट पेश होने के बाद मोदी सरकार पर सबका ध्यान है। चुनाव से पहले मोदी सरकार इस रिपोर्ट को स्वीकार करेगी? वास्तव में, यादव, कुर्मी, जाट और गुर्जर जैसे ओबीसी जातियों ने आरक्षण का सर्वाधिक लाभ उठाया है। यूपी में यादवों के अलावा सभी जातियां भाजपा का समर्थक हैं।
हरियाणा में यादव और गुर्जर भाजपा का समर्थक हैं। मोदी सरकार ने इस रिपोर्ट को लागू किया तो ये जातियां परेशान हो सकती हैं। लंबे समय से विरोधी पक्ष और राजग में भी शामिल पक्ष जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं। जातिगत जनगणना कराने की मांग बढ़ सकती है अगर मोदी सरकार आयोग को आगे बढ़ाती है।
11 राज्यों ने पहले से ही उपवर्गीकरण करचुके हैं
हालाँकि, ओबीसी जातियों को नौ राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों में पहले से ही उपवर्गीकरण किया गया है। इनमें बिहार, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु हैं।