PM नरेन्द्र मोदी ने कहा, भारत 2047 तक भ्रष्टाचार, जातिवाद और सांप्रदायिकता से मुक्त होकर विकसित राष्ट्र होगा |
नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि वर्ष 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बन जायेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर भ्रष्टाचार, जातिवाद और साम्प्रदायिकता का कोई स्थान नहीं होगा। उन्होंने एक समाचार एजेंसी को दिये साक्षात्कार में कहा कि निकट भविष्य में विश्व में भारत तीन शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि एक दशक से भी कम समय में भारत ने पांच पायदान की छलांग लगाई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न संघर्षो के समाधान के लिए केवल संवाद और कूटनीति एक मात्र रास्ता है। उन्होंने कहा कि जी-20 के अध्यक्ष के रूप में या उसके बगैर भारत दुनियाभर में शांति सुनिश्चित करने के प्रत्येक प्रयास का समर्थन करेगा। श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि जीडीपी केन्द्रित से मानव केन्द्रित वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सबका साथ सबका विकास का मंत्र दुनिया के कल्याण का दिशानिर्देश हो सकता है। उन्होंने कहा कि जी-20 में भारत के कथनों और विचारों को पूरी दुनिया में भविष्य की योजना के रूप में देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 की मुख्य विषयवस्तु - वसुधैव कुटुम्बकम एक नारा मात्र नहीं है बल्कि यह भारत के सांस्कृतिक मूल्यों से निकली एक समग्र अवधारणा है। उन्होंने कहा कि जी-20 में भारत के लिए अफ्रीका शीर्ष प्राथमिकता है। श्री मोदी ने कहा कि पृथ्वी के लिए भविष्य की कोई योजना सबकी आवाज सुने बिना सफल नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा कि भारत की तेज और सतत प्रगति ने स्वाभाविक रूप से दुनिया भर की रुचि पैदा की है और कई देश भारत की विकास गाथा को नजदीक से देख रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि देश यह मान रहे है कि प्रगति आकस्मिक नहीं है बल्कि यह स्पष्ट, कार्रवाई उन्मुख सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन का परिणाम है। श्री मोदी ने कहा कि लम्बे समय तक भारत को एक अरब से ज्यादा भूखे लोगों का देश समझा जाता था। लेकिन अब भारत को एक अरब से ज्यादा आकांक्षी मस्तिष्क, दो अरब से ज्यादा कौशल युक्त हाथ और करोडों युवा लोगों का देश समझा जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया में न केवल सर्वाधिक आबादी वाला देश है बल्कि यह सर्वाधिक युवा आबादी वाला देश भी है। इसलिए भारत के बारे में विचार बदलें हैं।
श्री मोदी ने कहा कि भारत ने महामारी के दौरान अपनी क्षमता, राज्यकोषीय उपाय तथा मौद्रिक कदमों से अर्थव्यवस्था में स्थिरता सुनिश्चित की और लोगों की अवश्यकताओं का ध्यान रखा। उन्होंने कहा कि उसी समय गरीब लोगों के लिए तुरंत पैसा पहुंचाया गया। इसमें कोई देरी या चोरी नही हुई। यह प्रभावशाली डिजिटल जन बुनियादी ढांचे के कारण सम्भव हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे अनेक कारणों में मजबूत विश्वसनीय बुनियाद तैयार की जिस पर भारत जी-20 का एजेंडा तैयार कर सका। यही कारण है कि भारत विभिन्न मुद्दों पर दुनिया के देशों को एक साथ लाने में कामयाब हुआ।
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