राखी के त्योहार पर अजीत ऊर्फ सुनील राजभर अपनी पत्नी को लेकर ससुराल गया था।अजीत चार दिन ससुराल में रहने के बाद 5 तारीख को अपने घर आ गया।
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सांकेतिक फोटो |
वाराणसी । आदमी का जीवन तो परमात्मा देता है, लेकिन सामाजिक तानाबान से जीवन जीना आसान नहीं रह जाता है। यह कभी कभी गलत कदम उठाने को मजबूर कर देती है। अजीत ससुराल से ऐसा अपमानित महसूस किया कि उसने फांसी लगा ली |
कुछ ऐसा ही हुआ अजीत के साथ | रामजीत राजभर ग्राम पोस्ट चिरई गांव जिला वाराणसी के लड़के की शादी गड़थवा निवासी सहेंदर राजभर की बेटी प्रियंका से तीन वर्ष पहले हुई थी। राखी के त्योहार पर अजीत ऊर्फ सुनील राजभर अपनी पत्नी को लेकर ससुराल गया था।अजीत चार दिन ससुराल में रहने के बाद 5 तारीख को अपने घर आ गया। ससुराल की बेइज्जती अपनी सगी बहन से बताया।
शाम को अपने पिता को अपने ससुराल में पत्नी ,सास ससुर के ताने को बताते हुए रोने लगा और उसने यह भी कहा की मेरी पत्नी ने यहाँ कभी नहीं आने लिए कहा।लेकिन, पिताजी मैं अपने बेटे रौनक डेढ़ साल के बगैर हम जी नहीं पाएंगे। परिवार के लोगों ने काफी समझाया तो उसने थोड़ा सा खाना खाया और अपने कमरे में सोने चला गया।
सारी रात बीत गई, सुबह किसी ने अजीत 32 वर्ष को जगाने परिवार का कोई सदस्य नहीं गया की काफी तकलीफ में है।दोपहर बाद जब किवाड़ खोलकर आवाज लगाई गई तो कोई हलचल नहीं मिलने पर कमरे के अंदर अजीत को फांसी लगा देख परिवार में कोहराम मच गया।किसी ने पुलिस को फोन कर बता दिया।पुलिस अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
असल में रामजीत राजभर के चार बेटों में तीन नंदू ,सुजीत, सौरभ एक साथ रहते है।अपने परिवार से अलग अजीत ऊर्फ सुनील राजभर पत्नी प्रियंका को लेकर रहता था। अजीत की दिमाग की दवा चल भी रही थी। इधर, प्रियंका के घर का अपमान सह नहीं पाने के कारण अजीत ने आत्महत्या कर लिया।