Silent Walking : पैदल चलना सेहत के लिए रामबाण, शरीर बनेगा एनर्जी का पावरहाउस, हार्ट होगा मजबूत

Silent Walking : पैदल चलना सेहत के लिए रामबाण, शरीर बनेगा एनर्जी का पावरहाउस, हार्ट होगा मजबूत

अगर हम वॉक करने के तरीके की बात करें तो चुपचाप बिना गपशप, हेडफोन, ईयरफोन या बातचीत के चुपचाप टहल रहे हैं तो यह सेहत के लिए रामबाण, शरीर एनर्जी का पावरहाउस बनेगा | 


Silent Walking : पैदल चलना सेहत के लिए रामबाण, शरीर बनेगा एनर्जी का पावरहाउस, हार्ट होगा मजबूत

हाइलाइट्स :-

👉क्‍या है साइलेंट वॉकिंग, क्‍यों होता है यह आम वॉक से ज्‍यादा फायदेमंद, जानें इसके लाभ 

👉साइलेंट वॉक सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि यह बेस्‍ट एक्‍सरसाइज भी है

👉सिर्फ चुपचाप टहलने से शरीर को पंचमहाभूतों जैसी मिलती है शक्ति


What are the benefits of silent walking: ये बात तो हम सभी जानते हैं कि रोज टहलना ( पैदल चलना ) स्‍वास्‍थ्‍य के लिए काफी फायदेमंद होता है | आगे आप सेहतमंद रहना चाहते हैं तो रोज सभी को सुबह कम से कम 30 मिनट जरूर टहलना चाहिए ,लेकिन कुछ लोग टहलने के लिए दोस्‍तों या सहेलियों की टोली तलाशते हैं, अगर कोई साथी संगी नहीं मिलता तो कान में ईयरफोन या हेडफोन लगाकर गाने सुनते हुए वॉक करते हैं या फिर टहलने के समय को बेकार न जाने देने की बात सोचकर घरवालों या सगे संबंधियों से फोन पर बतियाते हुए वॉक करते हैं, 

आप समझ लीजिये, यह टहलने का सही तरीका बिल्‍कुल भी नहीं है | आपको जानकर हैरानी होगी कि पूरी मेहनत करने के बावजूद भी आपके शरीर को इसका पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा है | हाल ही में टि‍कटॉक ट्रेंड से एक बार फिर चर्चा में आई साइलेंट वॉकिंग ही टहलने का सही तरीका क्या क्या होता है? 

स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों की मानें तो चुपचाप टहलना सेहत के लिए रामबाण होता है| दरअसल, योग में एकांत में चुपचाप टहलने को बेहतरीन व्‍यायाम और प्रकृति से जुड़ाव व ध्‍यान की एक पद्धति बताया गया है | देश के जाने माने योग एक्‍सपर्ट डॉ. बालमुकुंद शास्‍त्री कहते हैं कि टहलना एक पूर्ण व्‍यायाम कहलाता है | कोशिश करनी चाहिए कि सुबह वॉक की जाए, इसकी वजह है कि सुबह अल्‍ट्रा वॉयलेट किरणें नहीं होतीं, ऑक्‍सीजन अच्‍छे से मिलती है और शरीर को हल्‍की धूप से विटामिन डी भी मिलता है। अगर सुबह नहीं टहल पाते हैं तो शाम को सूर्यास्‍त के बाद ही वॉक करना सहीं होगा | 

मेंटल और न्‍यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर हो जाते हैं ठीक 


अगर हम वॉक करने के तरीके की बात करें तो चुपचाप की जाने वाली वॉक से शरीर को वॉकिंग के सभी लाभ मिलते रहते हैं| अगर आप बिना गपशप,  ईयरफोन या हेडफोन,बातचीत के चुपचाप टहलते हैं तो इससे सबसे पहले आपका मन एकदम शांत हो जायेगा |. योग के मुताबिक ,आपका प्राण आपके साथ होता है. आप वॉक को और अपने आप को महसूस कर रहे होते हैं | सिर्फ अपने बारे में सोच रहे होते हैं|  इसके अलावा इससे सभी प्रकार के मानसिक रोग, मेंटल डिसऑर्डर या न्‍यूरोलॉजिकल डिजीज में बहुत अधिक सुधार देखने के लिए मिलता है | 


 बढ़ती है शरीर में एनर्जी 


डॉ. बालमुकुंद बताते हैं कि हमारा शरीर पंच महाभूत आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्‍वी से बना है लेकिन व्‍यस्‍त रहने के चक्‍कर में हम इन्‍हीं से दूर होते चले जा रहे हैं | जब हम एकांत में चल रहे होते हैं तो हमारी नजर आसपास मौजूद इन सभी पर जाती है, आसपास के पेड़-पौधों, मिट्टी, पानी को हम देख रहे होते हैं तो इनसे लगाव बन जाता है और इस तरह हम प्रकृति से जुड़ जाते हैं और इन्‍हें देखने से हमारे शरीर को पंचमहाभूतों के तत्‍व मिलने लगते हैं, जैसे सूरज को देखते हैं तो अग्नि तत्‍व मिलता है और शरीर ऊर्जा का पावर हाउस बनने लगता है | 


दिल और दिमाग रहता है स्‍वस्‍थ


साइलेंट वॉकिंग से दिल को काफी फायदा पहुंचता है। देखा गया है कि वॉक करते हुए बहुत सारे लोगों को हार्ट अटैक आ जाता है लेकिन इनमें से सभी ऐसे हैं जो तेजी से या तो ट्रेडमिल पर दौड़ रहे थे या फिर हैवी एक्‍सरसाइज कर रहे थे। जब हार्ट पूरी तरह काम नहीं कर रहा था लेकिन उस पर प्रेशर दिए जा रहे थे. इससे हार्ट समझ नहीं पाता है कि धीरे चले या तेज चले और स्‍ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है. लेकिन अगर धीरे और चुपचाप वॉक करते हैं तो हार्ट अच्‍छे से काम करता है और साथ ही ब्‍लड प्रेशर हाई नहीं होता है। ऑक्‍सीजन अच्‍छे से मिलने से फेफड़े स्‍वस्‍थ रहते हैं। दूषित वायु पूरी तरह से बाहर निकलती है। इससे वात, पित्‍त और कफ बढ़े हुए होते हैं तो कम होने लगते हैं और शरीर स्‍वस्‍थ हो जाता है।


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