मायावती ने कहा कि जनगणना, परिसीमन और दूसरी कई खामियों के साथ संसद में दिखावे के लिए महिला आरक्षण सम्बन्धी बिल पेश करना देश की करोड़ों महिलाओं की आंखों में धूल झोंकने जैसे है।

बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती

लखनऊ, पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट । यूपी की राजधानी में बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। कहा कि जनगणना, परिसीमन और दूसरी कई खामियों के साथ संसद में दिखावे के लिए महिला आरक्षण सम्बन्धी बिल पेश करना देश की करोड़ों महिलाओं की आंखों में धूल झोंकने जैसे है।
मायावती ने कहा कि संसद से बिल भले ही पारित हो जाए लेकिन कई वर्षों तक नई जनगणना न होने और उसके बाद कई वर्षों तक परिसीमन नहीं होने से ये बिल महिलाओं को त्वरित लाभ नहीं दे रहा है। साथ ही इस बिल में एससी-एसटी महिलाओं के लिए उन्होंने लागू आरक्षण के अतिरिक्त आरक्षण देने की मांग भी उठाई । मायावती ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में महिलाओं के वोट के लिए इस प्रकार के बिल को पास कराया जा रहा है। मायावती ने कहा कि बिल पेश किये जाने और उसको लागू करने में सरकार की नियत साफ़ नहीं है।
मायावती ने कहा कि एससी-एसटी के अतिरिक्त ओबीसी महिलाएं भी सामान्य वर्ग की महिलाओं से काफी पीछे हैं। ऐसे में उनके लिए भी अलग से आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए। मायावती ने कहा कि कांग्रेस और अन्य पार्टियां भी बीजेपी के साथ आ गई हैं। इससे साफ़ प्रतीत होता है कि उनका महिलाओं के आरक्षण से कोई नहीं बल्कि आगामी चुनावों में उन्हें बहला फुसला कर उनका वोट लेने में अधिक दिलचस्पी है।
मायावती ने कहा कि सर्व समाज के आगे देश की महिलाओं को जो अधिकार अभी तक मिले हैं वो हिन्दू कोड बिल के माध्यम से ही मिले हैं और इन्हें देने के पीछे बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर का ही हाथ रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने महिलाओं के सन्दर्भ में पारित होने वाले बिल में पहले भी अड़ंगा लगाया था। जिसके बाद उसे टुकड़ों में पास किया गया।
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