बॉलीवुड में अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाले मेगास्टार अमिताभ बच्चन आज 81 साल के हो गये।
👉साल 1969 में अमिताभ बच्चन को पहली बार ख्वाजा अहमद अब्बास की फिल्म सात हिंदुस्तानी में काम करने का मिला मौका
मुंबई | बॉलीवुड में अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाले मेगास्टार अमिताभ बच्चन आज 81 साल के हो गये। 11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद में जन्मे अमिताभ बच्चन ने अपने करियर की शुरुआत कोलकाता में सुपरवाइजर के रूप में की, जहां उन्हें 800 रुपये मासिक वेतन मिलता था।
साल 1968 में कलकत्ता में नौकरी छोड़ने के बाद वह मुंबई आ गए। बचपन से ही अमिताभ बच्चन का रूझान अभिनय की ओर था। और दिलीप कुमार से प्रभावित होकर वह उन्हीं की तरह अभिनेता बनना चाहते थे।
साल 1969 में अमिताभ बच्चन को पहली बार ख्वाजा अहमद अब्बास की फिल्म सात हिंदुस्तानी में काम करने का मौका मिला। लेकिन इस फिल्म की असफलता के कारण वह दर्शकों के बीच कुछ खास पहचान नहीं बना पाये। साल 1971 में अमिताभ बच्चन को राजेश खन्ना की फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' में काम करने का मौका मिला। फिल्म आनंद में भी काम करने का मौका मिला।
राजेश खन्ना जैसे सुपरस्टार होने के बावजूद अमिताभ बच्चन दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचने में सफल रहे। इस फिल्म के लिए उन्हें सहायक अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार दिया गया। निर्माता प्रकाश मेहरा की फिल्म..जंजीर..अमिताभ बच्चन के सिने करियर की अहम फिल्म साबित हुई। फिल्म की सफलता के बाद अमिताभ बच्चन अभिनेता के रूप में फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गये। दिलचस्प तथ्य यह है कि फिल्म...जंजीर. यह सौभाग्य की बात है कि अमिताभ बच्चन को इस फिल्म में काम करने का मौका मिला।
साल 1973 में निर्माता-निर्देशक प्रकाश मेहरा अपनी फिल्म जंजीर के लिए अभिनेता की तलाश कर रहे थे। पहले उन्होंने देवानंद से इस फिल्म के लिए अनुरोध किया था और बाद में अभिनेता राजकुमार के साथ काम करने की पेशकश की लेकिन किसी कारण से दोनों अभिनेता जंजीर में काम करने के लिए राजी नहीं हुए। वे काम करने से मना कर दिया| अभिनेता प्राण ने प्रकाश मेहरा को अमिताभ बच्चन का नाम सुझाया और उनकी फिल्म बॉम्बे टू गोवा देखने की सलाह भी दिया | फिल्म देखकर प्रकाश मेहरा बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने अभिनेता के रूप में अमिताभ बच्चन को चुना।
जंजीर के निर्माण के दौरान एक दिलचस्प घटना घटी। स्टूडियो में फिल्म की शूटिंग के दौरान राज कपूर भी अपनी फिल्म की शूटिंग में व्यस्त थे. उसी दौरान राज कपूर ने अमिताभ की आवाज सुनी लेकिन तब तक उन्हें नहीं पता था कि ये किसकी आवाज है. उनके पास एक आवाज है.. उन्होंने कहा कि इस दमदार आवाज का मालिक एक दिन फिल्म इंडस्ट्री का बेताज बादशाह बनेगा. फिल्म जंजीर की सफलता के बाद अमिताभ बच्चन की गिनती एक अच्छे अभिनेता के रूप में होने लगी और वह फिल्म इंडस्ट्री में एंग्री यंग मैन बन गये..कहा जाने लगा।
साल 1975 में यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी फिल्म 'दीवार' ने अमिताभ बच्चन की पिछली सभी फिल्मों के रिकॉर्ड तोड़ दिए और शोले की सफलता के बाद उनके सामने सभी कलाकार फीके पड़ने लगे और अमिताभ बच्चन अर्श पर आ गए. फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार की. अमिताभ बच्चन सुपरस्टार के तौर पर कितनी ऊंचाइयों पर पहुंच गए थे इसका असली अंदाजा लोगों को तब हुआ जब 1982 में निर्माता-निर्देशक मनमोहन देसाई की फिल्म कुली की शूटिंग के दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गए और लगभग मौत के मुंह में पहुंच गए। इसके बाद देश के हर मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे में हर जाति और धर्म के लोगों ने उनके ठीक होने के लिए प्रार्थना की, मानो अमिताभ बच्चन उनके ही परिवार का हिस्सा हों।
लोगों की दुआएं रंग लाईं और अमिताभ जल्द ही ठीक हो गए। वर्ष 1984 में अपने मित्र राजीव गांधी के अनुरोध पर उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया और इलाहाबाद से सांसद का चुनाव लड़ा और सांसद चुने गये। अमिताभ बच्चन को ज्यादा दिनों तक राजनीति पसंद नहीं आई और तीन साल तक काम करने के बाद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया. इसका मुख्य कारण यह था कि उस समय उनका नाम बोफोर्स घोटाले में घसीटा जा रहा था। सांसद पद से इस्तीफा देने के बाद अमिताभ बच्चन फिर से फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हो गए और उन्होंने फिल्मों में अभिनय करना जारी रखा, लेकिन 1990 के दशक के अंत में उनकी फिल्में असफल होने लगीं, जिसके बाद अमिताभ बच्चन ने 1997 तक खुद को अभिनय से दूर रखा।
वर्ष 1997 में अमिताभ बच्चन ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कदम रखा और ए.बी.सी.एल. इसके साथ ही अमिताभ बच्चन ने अपने बैनर द्वारा निर्मित पहली फिल्म मृत्युदाता के जरिए एक बार फिर अभिनय की शुरुआत की. इसके बाद साल 2000 में अमिताभ को टीवी कार्यक्रम कौन बनेगा करोड़पति में भी काम करने के लिए कहा गया। कौन बनेगा करोड़पति की सफलता के बाद अमिताभ बच्चन एक बार फिर दर्शकों के पसंदीदा अभिनेता बन गए। अमिताभ बच्चन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में चार बार राष्ट्रीय पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में पांच बार फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अमिताभ बच्चन ने कई फिल्मों में गाने भी गाए हैं। उन्होंने सबसे पहले 1979 में रिलीज हुई फिल्म मिस्टर नटवर लाल में 'मेरे पास आओ मेरे फ्रेंड्स' गाना गाया था। बेहतरीन अभिनेता के तौर पर अमिताभ बच्चन को चार बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार और पांच बार फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। अमिताभ बच्चन को दादा साहब फाल्के पुरस्कार, पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण समेत कई सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है। अमिताभ बच्चन की आने वाली फिल्मों में गणपत, थलाइवर 170 और कल्कि आदि 2898 प्रमुख हैं।